इस परीक्षण में 1 टन वजन वाले और 18 फीट लंबे एयरव्हीकल को अग्नि मिसाइल से लॉन्च किया गया था। इस परीक्षण का उद्देश्य एचएसटीडीवी को एक खास ऊँचाई तक पहुँचाना था, जिसके बाद स्क्रैमजेट इंजन अपने आप चालू हो जाता है और व्हीकल 6 मैक की रफ्तार हासिल कर लेता है।
कार्टोसैट-3 एक उन्नत उपग्रह है। इसमें 0.2 मीटर (20 सेमी) के रिज़ॉल्यूशन को ज़ूम करने की क्षमता है। इस क्षमता को दुनिया में सबसे अच्छा माना जाता है। इससे बंदूक या दुश्मन के बंकर में मौजूद हर छोटी से छोटी वस्तुओं को स्पष्ट देखा जा सकेगा।
मोदी विरोध के लिए देश की उपलब्धियों को झुठलाने वाली कॉन्ग्रेस व विपक्षी दल फिर कटघरे में हैं। आज नहीं कल, लोग उनसे हिसाब माँगेंगे और पूछेंगे कि देश को मजबूत बनाने वालों की संदिग्ध मौत और भारत को असुरक्षित बनाने वाली कॉन्ग्रेस पार्टी के इतिहास में इतने ब्लैक होल क्यों हैं?
मिशन शक्ति वैश्विक राजनीति में भारत की बढ़ती धाक का एक वसीयतनामा है। नरेंद्र मोदी ने पिछले पाँच वर्षों के दौरान जिन कूटनीतिक रिश्तों को मजबूती दी है, वे सभी सरकार को परीक्षण करने का विश्वास दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए होंगे।
2012 में DRDO के प्रमुख वीके सारस्वत थे। एक दिन उन्होंने देश को चौंका दिया, यह घोषणा करके कि भारत के पास Low Earth Orbit और Polar Orbit में परिक्रमा करने वाले सैटेलाइट को निष्क्रिय करने लायक ऐंटी सैटलाइट वेपन की सारी तकनीक और उसे बनाने के लिए सारे कल-पूर्जे मौजूद हैं।
DRDO के अनुसार, इस मिसाइल में एडवांस नेवीगेशन व कंट्रोल सिस्टम लगाया गया है। इनकी सहायता से अब यह अपने लक्ष्य को पहचान कर एकदम सटीक प्रहार करने में सक्षम हो गई है।
DRDO के वैज्ञानिकों के अनुसार अगर जवानों को सही समय पर उचित फर्स्ट ऐड दिया जाए तो उनकी जिंदगी बचने की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है। वैज्ञानिकों ने कहा कि इन दवाओं की मदद से मृतकों की संख्या में कमी लाई जा सकती है।