इन स्कूलों में कश्मीरी और उर्दू भाषा में पढ़ाई कराई जा रही है। हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे आतंकवादियों के सहयोगी बनें या पत्थरबाजों के ग्रुप में शामिल हों।
पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण आपकी पढ़ाई छूटी हो या फिर जल्दी शादी करा देने की वजह से आप शिक्षा पूरा न कर पाएँ हों... अब चिंता करने की जरूरत नहीं है...।