ऑल्टन्यूज़ अभी भी अपने इस दावे पर खड़ा है कि इसमें मुस्लिम नजरिए जैसी कोई बात नहीं थी और यह मुस्लिमों को निशाना बनाने के लिए गढ़ी गई, साथ ही यह भी रिपोर्ट को 'डेवलपिंग स्टोरी' बताते हुए खत्म किया है।
पत्रकारिता छोड़कर ऑल्टन्यूज को कोचिंग संस्थान चलाने के धंधे में भी आने के बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि सात दिनों के परिश्रम से जब इस तरह के परिणाम मिल सकते हैं तो ये लोग न्यूज एजेंसी की तर्ज पर 'समुदाय विशेष पीड़ित कोचिंग संस्थान' शुरू कर सकते हैं।
प्रोपेगेंडा पोर्टल 'कारवाँ' के एक पत्रकार ने ट्विटर पर भारतीय रेलवे के कारण हुई मौत को लेकर फर्जी सूचना जारी की है। कारवाँ के लेखक ने ट्विटर पर दावा किया है कि ट्रेन में 10 यात्रियों की भूख से मौत हो गई।