2 मिनट 18 सेकेंड के इस वीडियो में क्या-क्या झूठ फैलाया गया था - 1) ईवीएम के गायब होने का दावा किया गया। 2) दिल्ली के कबीरनगर की गली नंबर 4 पर SVN पब्लिक स्कूल के इम्प्लॉयज भाजपा के साथ मिलकर ईवीएम चोरी करते पकड़ा गया।
'आजतक (इंडिया टुडे)' के पत्रकार ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए दिल्ली के एक इलाक़े में गया हुआ था। वहाँ से उसने बताया कि उस क्षेत्र में पुलिस की तैनाती नहीं की गई है। उसने एक तरह से दिल्ली पुलिस को बदनाम करने की कोशिश की। देखिए कैसे एक जिम्मेदार नागरिक ने उसकी पोल खोली।
एक नजर में कोई भी इस फोटो के झूठ को कैप्शन देखकर सच मान लेगा। लेकिन उसी समय की वास्तविक तस्वीर को देखा जाए तो, पता चलेगा कि गिरोह का प्रोपगेंडा 10 मिनट से ज़्यादा नहीं चल पाता।
'दी प्रिंट' की इस खबर में बताया गया था कि वित्त मंत्री ने मुंबई के उद्योगपतियों का अपमान किया है। इसके बाद वित्त मंत्री के व्यवहार पर ज्ञान देते हुए दी प्रिंट ने लिखा है कि निर्मला सीतारमण लोगों की खिंचाई करने के लिए जानी जाती हैं, खासतौर पर जब वो किसी मुद्दे पर हाशिए पर हों।
'इंडिया टुडे' लिखा कि 430 दलितों ने इस्लाम अपना लिया है और कई अन्य इसी राह पर हैं। साथ ही ये भी लिखा गया कि क्षेत्र के दलितों ने भेदभाव की बात कही है। कुछ दलितों के बयान भी प्रकाशित किए गए हैं। दिसंबर में भी 'आजतक' ने ये ख़बर चलाई थी, जिसे वहाँ के दलितों ने नकार दिया था।
फ़र्ज़ी पत्र वायरल करने वाले ने एक ग़लती ये की है कि उसने भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय का पता लिख दिया है। जबकि, मनोज तिवारी के पत्र में भाजपा के राज्य मुख्यालय का पता लिखा होता है। अर्थात, पता 'पंडित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग' न होकर 'पंडित पंत मार्ग' होगा।
“अगर झूठे वादे करने की देश में कोई प्रतियोगिता होती, तो केजरीवाल को निश्चित रूप से पहला पुरस्कार मिलेगा। मैं केजरीवाल को याद दिलाने के लिए आया हूँ कि आप तो अपने किए गए वादों को भूल गए, लेकिन न तो दिल्ली की जनता और न ही भाजपा कार्यकर्ता भूले हैं। आपके पास शायद इसकी सूची नहीं है, लेकिन मेरे पास है।”
फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने दी क्विंट के इस प्रोपेगैंडा को ध्वस्त करते हुए वेबसाइट को चैलेंज भी किया था कि वह साबित करें कि यह एक फेक और सोची समझी घृणा फैलाने के मकसद से जारी किया गया स्क्रिप्टेड वीडियो नहीं है या फिर इसे डिलीट कर दें।
सआदत छात्रावास के नाबालिग लड़कों ने ख़ुद दावा किया कि उनके गुदा से ख़ून बहने की ख़बरें झूठी हैं। सीतापुर के रहने वाले 21 साल के इरफ़ान हैदर ने बताया कि 'कुछ मदरसा छात्रों को पुलिस यातना का दंश झेलना पड़ा' जैसी सारी ख़बरें झूठी थीं, इनका कोई आधार नहीं था।