Monday, December 23, 2024

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Farmers

मोदी सरकार का 1.5 साल वाला प्रस्ताव भी किसान संगठनों को मंजूर नहीं, कृषि कानूनों को रद्द करने पर अड़े

किसान नेताओं ने अपने निर्णय में कहा है कि नए कृषि कानूनों के डेढ़ साल तक स्‍थगित करने के केंद्र सरकार के प्रस्‍ताव को किसान संगठनों ने खारिज कर दिया है। संयुक्‍त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर बताया कि तीनों कृषि कानून पूरी तरह रद्द हों।

7% नहीं, अब किसानों को 12% पर लोन: मोदी सरकार का फैसला, RBI ने जारी किए निर्देश – Fact Check

सोशल मीडिया पर एक खबर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर लोन की ब्याज दर को 7% से बढ़ाकर 12% कर दिया गया है।

योगी सरकार का किसानों के लिए काम: खरीदा लक्ष्य से ज्यादा धान, गन्ना-गेहूँ-धान का किया रिकॉर्ड भुगतान

योगी सरकार के सामने 55 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य था। लेकिन उन्होंने 60 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद कर रिकार्ड कायम किया।

MSP से ज्यादा कीमत पर धान बेच रहे किसान: कर्नाटक में रिलायंस की डील, हर क्विंटल पर 82 रुपए का फायदा

कंपनी ने इस सौदे की शुरुआत में सोना मंसूरी धान के लिए 1950 रुपए की पेशकश की थी। सरकार द्वारा तय किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य से...

850 से अधिक प्रसिद्ध शिक्षाविदों ने पत्र लिखकर किया कृषि सुधार कानूनों का समर्थन, कहा- सरकार के आश्वासन पर पूरा भरोसा

कृषि क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए मोदी सरकार द्वारा लाए गए कानूनों के प्रति समर्थन व्यक्त करते देश के विभिन्न हिस्सों के 850 से अधिक शिक्षाविदों ने एक पत्र लिखा है।

वीडियो: ट्रैक्टर से बैरिकेडिंग तोड़ पुलिस की ओर बढ़े प्रदर्शनकारी, लोगों ने पूछा- क्या ऐसे ‘किसानों’ को पकड़ा नहीं जाना चाहिए?

यदि कोई पुलिसकर्मी ऐसे प्रयासों के दौरान चोटिल हो जाए तो जिम्मेदार किसे माना जाएगा? क्या इस तरह कोई प्रदर्शन हो रहा है? भारत में पुलिस की जान की कोई कीमत नहीं है क्या?

मंदिर वाले सब कहाँ गए? एक भी भंडारा नहीं… सुधर जाओ पंडित: किसान आंदोलन में हिंदू-घृणा, वीडियो वायरल

"सब हरिद्वार जा रहे हैं, मथुरा जा रहे हैं, एक भी पंडित यहाँ नहीं आ रहा। इलाज इनका सबका होगा। इनकी सबकी लिस्ट बनेगी।”

कृषि सुधारों का UPA से NDA तक का सफर: जहाँ बीजेपी लगातार कर रही पहल वहीं कॉन्ग्रेस ने पूरे 10 साल बयानबाजी में बिताए

इन कानूनों का धरातल पर उतरने के बाद ही उनका विश्लेषण किया जा सकता है। उससे पहले, केंद्र और राज्यों के संबंधों को कमजोर करना अथवा संसद द्वारा पारित कानूनों को फाड़ना कोई लोकतांत्रिक अधिकार नही बल्कि अराजकता है।

‘कृषि कानून के समर्थन में किसानों की महारैली देख कॉन्ग्रेसियों और दलालों को पीड़ा होना स्वाभाविक’: वीडियो वायरल

रैली की वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर की जा रही है। जिसमें हम देख सकते हैं कि हजारों ट्रैक्टरों-ट्रकों के साथ ये रैली निकाली गई है। कई किसान इस रैली में मौजूद हैं।

एशिया के सबसे बड़े मिर्च मार्केट में आंध्र प्रदेश के किसान को मिली अब तक की सबसे बड़ी कीमत

आंध्र प्रदेश के एक किसान को डब्बी मिर्च की अब तक की सबसे बड़ी कीमत मिली है। वह अपनी उपज बेचने कर्नाटक के बैदागी स्थित एशिया के सबसे बड़े मिर्च मार्केट में पहुँचे थे।

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