Sunday, November 17, 2024

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Freedom of Speech

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: उसकी कमीज मेरी कमीज़ से सफेद कैसे? लोकतंत्र के लिए ये दाग अच्छे नहीं

सुप्रीम कोर्ट तक की निंदा करने वाले क्या सच में 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' के पक्षधर हैं? या फिर ये बुद्धिजीवी का नक़ाब ओढ़े हुए...

स्टेज पर नंगे होकर प्रदर्शन करने वाली कॉमेडियन: जिसे है बुर्के से प्यार, करती है हिंदू देवी-देवता से नफरत

राधिका वाज को हिंदू धर्म से नफ़रत है। उसका दावा है कि भारत दुनिया का चौथा सबसे खतरनाक देश है और इसके लिए हिंदू धर्म के आदमी...

आतंकवादी के प्रति सहानुभूति जताने के लिए रूसी पत्रकार पर ₽5 लाख का जुर्माना, मानवाधिकर संगठनों ने जताया विरोध

रूस की पत्रकार Svetlana Prokopyeva पर आरोप है कि उन्होंने आतंकवादी के साथ सहानुभूति जताई। जुर्माने के बाद HR संस्थाओं ने जताया विरोध।

‘तुम्हारे लेख भड़काऊ और उत्तेजक हैं’: पत्रकारों पर FIR के बाद अब कॉन्ग्रेस ने फर्स्टपोस्ट को भेजा कानूनी नोटिस

कॉन्ग्रेस ने फर्स्टपोस्ट को मानहानि का क़ानूनी नोटिस भेजा है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि फर्स्टपोस्ट के लेख उत्तेजक और भड़काऊ हैं।

ऑपइंडिया को पुलिस से डराना: ‘प्रेस स्वतंत्रता’ टुटपुँजिया वामपंथी पत्रकारों या बड़ी संस्थाओं की बपौती नहीं

किसी भी राज्य की पुलिस, हमारे पीछे अपनी राजनैतिक मजबूरियों के कारण भले ही लग जाए, लेकिन वो ऑपइंडिया से खबरें डिलीट नहीं करवा सकते। कानूनी रूप से लड़ोगे, हम पहले से ज्यादा तैयार हैं। हम यहाँ टिकने आए हैं, खबरें डिलीट करने नहीं।

कोलकाता न्यूज केबल से हटने के बाद ABP संपादक को पुलिस ने भेजा समन: प्रेस फ्रीडम को लेकर ममता पर उठे सवाल

इससे पहले कोलकाता न्यूज का मामला पिछले माह प्रकाश में आया था, जब सरकार से सवाल पूछने पर कई केबल नेटवर्क से उसे गायब कर दिया गया था।

जब लोकमान्य तिलक की प्रेस को बिकने से बचाने के लिए लोगों ने जुटाए थे ₹3 लाख

अभिव्यक्ति की आजादी के लिए राष्ट्रवादी विचारधारा को वही संघर्ष आज भी देखना पड़ता है, जिससे एक समय लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को गुजरना पड़ा था।

ऑपइंडिया और इनके सम्पादकों के हालिया उत्पीड़न पर CEO राहुल रौशन का संदेश

हमले हमें परेशान नहीं करते हैं, वास्तव में, अगर वे हम पर हमला नहीं करते हैं, तो हमें ऐसा लगता है कि हम कुछ सही नहीं कर रहे हैं, कुछ दमदार काम नहीं है। इसलिए सबसे पहले, ऐसे नफरत करने वालों को धन्यवाद, वे हम पर हमला करते रहें।

अभिव्यक्ति की आजादी देश की चूलें हिलाने में नहीं, देशहित में अभिव्यक्त हों: आजादी के सिपाहियों की मंशा

कुछ लोगों को लगता है कि सत्ता के खिलाफ आवाज उठाना ही सबसे बड़ा वाक्शौर्य है, लेकिन वो भूल जाते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब सिर्फ...

जब तक हिन्दू बहुमत में है तभी तक रहेगा लोकतंत्र: भारत की आत्मा में श्रीराम बसे हैं, बाबर नहीं

गुरु नानक ने स्वयं अपनी आँखों से देखे बाबर के अत्याचारों का ऐसा दर्दनाक वर्णन किया है कि आज भी उसको पढ़ कर किसी का भी दिल पसीजे बिना नहीं रह सकता। उस अत्याचारी बादशाह की जामिया मिलिया जैसे राष्ट्रीय संस्थान में जयंती मनाई गई थी।

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