किंजल ने अहमदाबाद पुलिस पर भी कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रांच के अधिकारी रात के 10 बजे घर में घुस जाते हैं और जबरदस्ती तलाशी लेते हैं। उनका कहना है कि गुजरात पुलिस और सरकार उनके पति को बेवजह प्रताड़ित कर रही है।
मुनाफ हलारी 1993 में जावेरी बाज़ार में ब्लास्ट मामले में दोषी था। जाँच एजेंसियों को लंबे समय से इसकी तलाश थी। मुंबई ब्लास्ट के बाद मूसा पाकिस्तान भाग गया था। वो पाकिस्तानी पासपोर्ट पर ही यात्रा भी कर रहा था, जब उसे मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया।
बच्चियों से दुष्कर्म के आरोपित भगोड़े नित्यानंद के ख़िलाफ़ इंटरपोल ने गुजरात पुलिस के अनुरोध पर ब्लू नोटिस जारी किया है। इससे पहले विदेश मंत्रालय ने सभी देशों में भारतीय दूतावासों को अलर्ट कर रखा है। नित्यानंद बच्चियों से दुष्कर्म के बाद अलग देश कैलासा बनाने को लेकर चर्चा में आया था।
दादियाँ दादा जी को अपने समय की पतंगबाजी याद दिलाती हैं और दादा ताव में आकर खड़े हो जाते हैं दादी को ये दिखाने कि मैं अभी बूढ़ा नहीं हुआ हूँ। अब भी ये लड़के मेरी पतंग के आगे नहीं टिक सकते और पतंग कटते ही, 'सालो चाइनीज़ माँझो वापरे छे' कहकर वापस आकर बैठ जाते हैं।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आईएसआईएस के तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था। ये दिल्ली-एनसीआर और यूपी में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। जफर अली भी इसी आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा है।
पीरजादा वांकानेर से और जोशी जूनागढ़ से विधायक हैं। 2008 में 1500 लोगों की भीड़ की अगुवाई करते हुए उसे हिंसा के लिए उकसाया था। इस मामले में जिन लोगों को सजा सुनाई गई है, उनमें कॉन्ग्रेस के एक पूर्व विधायक और अन्य नेता भी हैं।
“मैंने 2007 में पाकिस्तान छोड़ दिया था। यह एक इस्लामिक गणराज्य है। वहाँ मंदिरों को तोड़ दिया जाता है। हिंदू लड़कियों और महिलाओं को अगवा किया जाता है और उन पर अत्याचार किया जाता है। यहाँ तक कि वहाँ की पढ़ाई भी इस्लामिक है।”
"बड़ी संख्या में भीड़ दरगाह में इकट्ठी हुई और फिर बाद में भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर भारी मात्रा में पथराव करना शुरू कर दिया। इंस्पेक्टर जेएम सोलंकी भी घायल हो गए। दरगाह में नमाज के बाद दो से तीन हजार उपद्रवियों की भीड़ सड़क पर आई और..."
अमजद और अजगर ने पीटने के बाद दलित से कहा कि वह नीची जाति से है। उसे पठानी सूट पहनने का कोई अधिकार नहीं है। अगर उसने दोबारा पठानी सूट पहना तो वे उसे जान से मार देंगे।
केंद्र सरकार 10 हज़ार करोड़ रूपए देगी जबकि गुजरात और महाराष्ट्र की राज्य सरकारों को इसके लिए सिर्फ 5 हज़ार करोड़ रूपए देना है, 81 फीसदी रकम जापान की एक कम्पनी वहन करेगी।