परिजनों का आरोप है कि वे दिल्ली के तीन बड़े-बड़े सरकारी अस्पतालों का में गए, लेकिन किसी भी अस्पताल ने उसे एडमिट नहीं किया, सभी ने इनकार कर दिया, जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई।
मुख्य न्यायाधीश को लिखे गए एक पत्र में याचिकाकर्ता ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा 50 वर्षीय मंदिर के पुजारी की हत्या में पारदर्शी, स्वतंत्र और निष्पक्ष जाँच की माँग की है।