क्योंकि चुनाव आने में अभी थोड़ा समय है और बलात्कारी जब अपने ही जात-बिरादरी के हों, तो उनके बारे में लिखने पर क्या पता नरक-वरक जाना पड़ जाए, या कोई पूछ ले कि क्या इसी दिन के लिए अवार्ड दिया था? क्या इसी दिन के लिए तुम्हें भीड़ दे कर खड़ा किया था, तुम्हें नेता बनाया था?
मामला सामने आने के बाद ग्रामीणों का एक समूह मुख्य आरोपी आबिद के परिवार से बातचीत करने गया, जहाँ दोनों समुदाय के बीच बवाल मच गया। इसके बाद घरों को जला दिया गया। देर शाम एक गली में लगभग 15 दुकानों को भीड़ ने आग लगा दी।
आर्यसमाज चौक पर हमेशा की तरह कुछ लोग समूह बना कर बातचीत कर रहे थे। जैसे ही मुस्लिमों ने उन्हें देखा, वे 'हिंदुस्तान मुर्दाबाद' का नारा लगाने लगे। मुहर्रम के जुलूस में शामिल लोगों ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे भी लगाए।
जज फ़ख़रुद्दीन ने हिंदुओं के बारे में कहा कि उनके पास ऐसी कोई ताक़त नहीं है जिससे वो दूसरे मजहब के सामने टिक सकें। उन्होंने कहा, "आप एक पिस्तौल के साथ आएँ। मैं यहीं हूँ। हर बात की ज़िम्मेदारी मैं लूँगा।"
कृष्ण जन्माष्टमी पर परंपरा स्वरूप कृष्ण की झाँकी निकाले जाने की तैयारी थी, लेकिन जुमे की नमाज़ के चलते झाँकी का समय दोपहर 3 बजे रखा गया। इसके बावजूद 3 बजे जैसे ही झाँकी गाँव के चौराहै पर पहुँची, तो दूसरे समुदाय ने...
इस अनोखे मंदिर में लोगों की अपार श्रद्धा है। यही वजह है कि भगवान अति वरदार भले ही 40 वर्ष तक जल समाधि में रहते हों, लेकिन पूरे साल इस मंदिर में भक्तों की भीड़ जुटती है। इससे पहले वर्ष 1979 में भगवान अति वरदान ने मंदिर के पवित्र तालाब से बाहर आकर भक्तों को दर्शन दिए थे।
500 की संख्या में महिलााएँ जलभरी कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए निकली थीं कि इसी बीच डीजे बजाने को लेकर दो पक्षों में कहासुनी के बाद मारपीट होने लगी। असामाजिक तत्वों ने जलभरी गाड़ी के साथ तोड़-फोड़ कर श्रद्धालुओं से मारपीट की।