Sunday, November 24, 2024

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Hinduism

राम मंदिर भूमिपूजन के बाद पहली स्वतंत्रता दिवस के मायने, क्योंकि अयोध्या से आगे मथुरा-काशी भी है…

एक तरफ है करीब 1000 साल से चल रहा छल, प्रपंच और जोर। दूसरी तरफ है हिंदुओं का वह नैतिक बल, जिसका पहला पड़ाव सोमनाथ का पुनरुद्धार था। वह भारतीय चेतना, जिसकी अप्रतिम ऊर्जा अयोध्या है। वह सनातनी संस्कृति, जिसका प्रकाश पुंज मथुरा-काशी है।

जन्माष्टमी: सम्पूर्णता में जीने का सन्देश – श्री कृष्ण की 16 कलाएँ, उनके ग्वाले से द्वारकाधीश होने की सम्पूर्ण यात्रा

कृष्ण की सोलह कलाएँ उनके विशेष सोलह गुणों से सम्बंधित हैं। जो यदि किसी में हों तो जिस अनुपात में इन गुणों की व्याप्ति होगी उसी अनुपात में...

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट स्थापित: 14 राज्यों के 80 संत-महामंडलेश्वर जुड़े, आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए शुरू होगा हस्ताक्षर अभियान

अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर भूमिपूजन के साथ ही अब मथुरा में 14 राज्यों के 80 संतों के साथ श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास की स्थापना की गई है।

सदियों से ईद की मुबारकबाद लेने वाले क्या श्रीराम मंदिर के जश्न में आपके साथ हैं?

आज खुद को श्रीराम से अलग बताने का समय नहीं। आत्मविश्लेषण करते हुए पूछने का समय है कि आज आपकी ख़ुशी में आपके कितने मुस्लिम और सेक्युलर मित्र आपके साथ खुश हैं?

‘ये भारत का सौभाग्य है कि भारत माता ने अपने सपूत नरेंद्र दामोदर दास मोदी को इस कार्य के लिए चुना’

संकल्प के दौरान पुरोहितों ने राष्ट्र प्रतिनिधि के रूप में नरेंद्र दामोदर दास मोदी को श्रीराम मंदिर के शिलान्यास के लिए आह्वान किया और...

काबुल की अँधेरी कब्र में बाबर और उजाले में आज की अयोध्या: राम हमारे DNA में और हमारी गर्भनाल अयोध्या में

1528 का साल हजारों वर्ष पुरानी अयोध्या पर भीषण वज्रपात का साल है। मंदिर मटियामेट कर दिए गए और आश्रम उजाड़ दिए गए। बारूद की गंध...

जिस मजहब का इतिहास 1500 साल से ज्यादा नहीं है, उसके लोग रक्षाबंधन की शुरुआत मुगलों से बता रहे हैं

कथित इतिहासकार रक्षाबंधन को मुगलों से जोड़ रहे। जानिए कितनी प्राचीन है सनातन संस्कृति की ये परंपरा। कैसे और क्यों हुई शुरुआत।

लंदन से लाई जाएगी 9वीं सदी में बनी भगवान शिव की मूर्ति, 1998 में घाटेश्वर मंदिर से हुई थी चोरी

1998 में राजस्थान के एक मंदिर से भगवान शिव की एक प्राचीन 4 फीट की मूर्ति चोरी हो गई थी। 2003 में तस्करी के माध्यम से यह लंदन पहुॅंच गई।

एक नारे से क्या होता है? ‘राम लला हम आएँगे, मंदिर वहीं बनाएँगे’ भी एक नारा ही था…

कई लोग अगस्त में ही दीपावली मानाने की तैयारी में भी दिखते हैं। वैसे इससे हमें दूसरा वाला नारा - काशी-मथुरा बाकी है, याद आ जाता है, मगर उससे दीयों के बजाए कुछ और ही जलने लगेगा! नहीं?

जब हुआ मंदिरों का ध्वंस, तब किस दोजख में था सौहार्द? – यह ‘हिंदू’ बनने का वक्त, ‘सेकुलर’ नौटंकी से बचो

क्या UP और केंद्र में BJP की सरकार न होती, तब भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह सब इतना ही आसान होता? 'अच्छा हिंदू' कहेगा कि क्यों नहीं?

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