बख्तियार खिजली को क्लीन-चिट देने के लिए और बौद्धों को सनातन से अलग दिखाने के लिए वामपंथी इतिहासकारों ने नालंदा विश्वविद्यालय को तबाह किए जाने का दोष हिन्दुओं पर ही मढ़ दिया। इसके लिए उन्होंने तिब्बत की एक किताब का सहारा लिया, जो इस घटना के 500 साल बाद लिखी गई थी और जिसमें चमत्कार भरे पड़े थे।
ये लगभग 200 वर्ष पुराना है। इस पर सोने से एक मंत्र अंकित है, जो गुरु अर्जुन देव द्वारा रचित है। इसे 'रक्षा मंत्र' कहा जाता है, भगवान विष्णु की प्रार्थना है।
अनंत लक्ष्मण कन्हेरे, कृष्णाजी गोपाल कर्वे और विनायक नारायण देशपांडे को आज ही की तारीख यानी 19 अप्रैल 1910 को फाँसी पर लटका दिया गया था। इन तीनों ही क्रांतिकारियों की उम्र उस समय 18 से 20 वर्ष के बीच थी।
तमिलनाडु में भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने आरटीआई के जरिए इस द्वीप को सौंपे जाने वाले दस्तावेज हासिल किए हैं। इनसे पता चलता है कि द्वीप पर भारत का दावा मजबूत था।