18 वर्षों से फरार चल रहे प्रशांत ठाकुर की झारखंड पुलिस और छत्तीसगढ़ पुलिस को लंबे समय से तलाश थी। लेकिन नाम बदलकर अपनी लोकेशन बदलते रहने के कारण वह पकड़ में नहीं आ रहा था। इन दोनों ही राज्यों में उसका नाम मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची में था।
बीबीसी से भी बात करते हुए विश्वजीत से साफ़-साफ़ कहा कि उन्हें आशीष की आत्महत्या का कारण नहीं पता। इसी ख़बर में पुलिस ने भी कहा कि आत्महत्या की मूल वजह का पता लगाया जा रहा है। मिलिंद खांडेकर और बीबीसी ने इसे 'ऑटो कंपनियों में हो रही छँटनी' से जोड़ कर अपना उल्लू सीधा किया।
सीएम रघुवर दास ने खुद ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी। उन्होंने इसके लिए रियाद स्थित भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को धन्यवाद दिया और साथ ही कहा कि एक बहन के लिए इससे बड़ा तोहफा नहीं हो सकता।
"एक नेता अपने लिए बोकारो और बेटे के लिए पलामू से सीट चाहते हैं। एक नेता को भाई के लिए हटिया सीट चाहिए। दूसरा नेता घाटशिला से बेटी के लिए और खूंटी से खुद के लिए सीट चाहता है। एक अन्य नेता जामताड़ा से बेटे के लिए और मधुपुर से बेटी के लिए सीट चाहते हैं।"
अतिरिक्त सरकारी वकील (APP) सुभाष प्रसाद ने बताया कि चूँकि आरोपित नाबालिग है, इसलिए फिलहाल उसे जेल में न रखकर 21 साल की आयु तक सुरक्षा गृह में रखा जाएगा।
ये हंगामा बांका के समीप करीब आधी रात तक चलता रहा। हंगामें के दौरान तेज प्रताप भी काफिले में मौजूद थे, लेकिन बीच-बचाव करने की बजाए वे बस से उतर स्कॉर्पियों में बैठकर चले गए, जबकि उनके बाउंसरों ने बवाल जारी रखा।
पाकुड़ा परिसदन में ग्रामीणों एवं कार्यकर्ताओ की समस्याएँ सुनने पहुँचे विजय हांसदा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बिजली बिल न दें और यदि कोई बिजली बिल कोई माँगने आए तो उसे बाँध कर बैठा दें।
रकीबुल के अलावा उसकी माँ कौशल रानी, पूर्व जज पंकज श्रीवास्तव, गया सिविल कोर्ट के तत्कालीन न्यायिक दंडाधिकारी राजेश प्रसाद और रोहित रमन (रकीबुल का दोस्त) पर आरोप तय किए गए हैं।
2004-05 में ब्रदर सिरिल लकड़ा ने ₹2.6 लाख में 4.23 एकड़ ज़मीन खरीदते हैं। ख़रीदी तो व्यक्तिगत तौर पर लेकिन मिशनरी संस्था में फ़ादर, ब्रदर, सिस्टर को ज़मीन रखने का अधिकार नहीं। इसलिए बेचते समय मिशनरी संस्था सामने आ जाती है और ₹4.76 करोड़ में डील फाइनल कर ली जाती है।