फारसी साम्राज्य के राजा डैरियस-प्रथम के अभिलेखों में हिन्दू शब्द का ज़िक्र ईसा से 6 शताब्दी पूर्व का है, जबकि इस्लाम ईसा से 600 साल बाद का। और मुगलों का हिंदुस्तान में आगमन तो 16वीं शताब्दी में हुआ। यानि विशुद्ध तकनीकी रूप से भी कमल हासन 22 शताब्दियों की ‘मामूली’ सी चूक कर गए हैं।
जो चप्पल फेंकी गई, वो सीधे भीड़ में जाकर गिरी। इसके बाद कुछ लोग कमल हासन के मंच के नजदीक पहुँच गए और उनके ख़िलाफ़ नारेबाजी शुरू कर दी। कमल हासन का विरोध किया गया। कमल हासन ने वहाँ उपस्थित भीड़ को धीरज रखते हुए चिंता न करने की सलाह दी।
अपने नेता का बचाव करते हुए कमल हासन की पार्टी मक्कल नीधि मय्यम ने कहा, “भाषण को संदर्भ से परे समझ लिया गया है और दुर्भावना से एंटी-हिन्दू बताया जा रहा है। इससे आम आदमी में कन्फ्यूजन और चिंता पैदा हो रहा है। आम आदमी इस साजिश को नहीं जानता।”
कमल हासन के खिलाफ यह शिकायत हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने दर्ज कराया है। जिनका आरोप है कि इस बयान से हिंदुओं की भावनाएँ आहत हुई हैं। गुप्ता का आरोप है कि इस बयान के जरिए दो समुदायों के बीच द्वेष फैलाने की भी कोशिश की गई है।
"मैं कमल हासन के बयान का समर्थन करता हूँ। मैं उनके बयान से 100 नहीं 1000 फीसदी सहमत हूँ। जैसे हिंदू धर्म में आरएसएस है, वैसे इस्लाम में इस्लामिक स्टेट है।" तमिलनाडु के कॉन्ग्रेस प्रमुख केएस अलागिरी के इस बयान से...
अभिनेता कमल हासन के लिए भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र नहीं था, क्योंकि एक ख़ास समाज ने उनकी फ़िल्म की रिलीज रोक दी थी। राजनेता कमल हासन सामने मुस्लिमों को देखते ही गोडसे को आतंकी बताते हैं। उन्होंने कभी गोडसे का किरदार अदा किया था, लेकिन तब फ़िल्म की रिलीज नहीं रोकी गई।
कमल हासन ने अपनी पार्टी मक्कल निधि मय्यम के उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि आजाद भारत का पहला आतंकवादी एक हिंदू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे था।
कमल हासन को पिनाराई विजयन के बदले किसी अच्छे इतिहासकार से ट्यूशन लेने की ज़रूरत है। कश्मीर में जिस जनमत-संग्रह की वह बात कर रहे हैं, उसे कभी पाकिस्तान ने ही अस्वीकार कर दिया था।