सोमवार की सुबह करीब साढ़े 4 बजे शंकर को एहसास हुआ कि रघुवीर अभी भी अपने फोन पर पबजी खेल रहा है। वे उसके कमरे में गए और फोन छीन लिया। इसके बाद रघुवीर अपने पिता पर झपटा और हसियां से हमला कर उनके टुकड़े कर दिए।
यह कहानी है कर्नाटक के बेलगावी जिला स्थित सुदूरवर्ती गाँव शेगुनासी की, जहाँ इस वर्ष भयंकर बाढ़ आई। लेकिन, उनके लिए मदद सरकार से नहीं बल्कि ऐसी जगह से पहुँची कि 10 साल पुराना इतिहास फिर से जिन्दा हो गया।
एजेंसी ने अदालत को बताया कि समन जारी किए जाने के बाद शिवकुमार हाजिर तो हुए लेकिन वह प्रश्नों का जवाब देने की बजाय टालमटोल करते रहे। ईडी के अनुसार, कॉन्ग्रेस नेता ने पूछताछ में सहयोग नहीं किया। शिवकुमार ने जानबूझ कर जाँच प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश की।
इस वीडियो में ये तो खुलासा नहीं हो पाया कि सिद्धारमैया ने अपने सहयोगी को थप्पड़ क्यों मारा? मगर इसे देखकर लगता है कि शायद दोनों किसी मुद्दे पर बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान सिद्धारमैया पीछे मुड़ते हैं और तड़ाक से......
प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई 'Prevention of Money Laundering Act (PMLA)' के तहत की है। लगातार 4 दिनों तक चली मैराथन पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ़्तार किया है।
इंडोनेशिया के कानून एवं मानवाधिकार मंत्रालय के तहत पंजीकृत एएसआईएएन यूनिवर्सिटी ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए महादेव साहूकार भैरागौंड को मानद उपाधि से सम्मानित किया। भैरागौंड भैरवनाथ शिक्षा संस्थान के अध्यक्ष हैं।
सीबीआई इस मामले में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री, बेंगलुरु के पूर्व पुलिस आयुक्त समेत 13 ब्यूरोक्रेट्स और राजनेताओं से पूछताछ कर सकती है। माना जा रहा है कि इस मामले में 15-20,000 पन्नों की चार्जशीट नौ सितंबर तक दाखिल हो सकती है।
‘‘टेलीफोन टैपिंग के मुद्दे पर कॉन्ग्रेस विधायक दल के नेता सिद्दरमैया समेत कई नेताओं ने कहा कि इसकी जाँच होनी चाहिए और सच्चाई सामने आनी चाहिए, इसलिए मैंने सीबीआई जाँच का आदेश देने का फैसला किया है।”
वीडियो में आप देख सकते हैं कि बाढ़ के पानी से घिरे एक पुल से गुजरने का रास्ता एम्बुलेंस को नहीं मिलता तो वेंकटेश गहरे पानी में उतर जाता है। जान की परवाह किए वेंकटेश पानी में कूद जाता है और आगे-आगे चलकर एम्बुलेंस को रास्ता दिखाता है।
नागराज की गिनती देश के सबसे अमीर विधायकों में होती रही है। इतनी महँगी कार खरीदने वाले भी वे कर्नाटक के पहले नेता नहीं हैं। लेकिन कॉन्ग्रेस से बगावत और कुमारस्वामी सरकार को डूबोने के बाद नागराज का इतनी महँगी कार खरीदना चर्चा का विषय बन गया है।