सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि तुम्हें ज़मानत पर रिहा करने में कोई ख़तरा नहीं है सिवाए इसके कि तुम दोषी करार दिए जा चुके हो।
लालू यादव ने अपनी किताब 'गोपालगंज टू रायसीना: माइ पॉलिटिकल जर्नी' में दावा किया है कि नीतीश कुमार ने दोबारा महागठबंधन में शामिल होने के लिए अपने सहयोगी और जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को 5 बार उनके पास बातचीत के लिए भेजा, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया।
विभा देवी के पक्ष में मतदान की अपील करने के अलावा राबड़ी के निशाने पर गिरिराज सिंह भी रहे। संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह नवादा छोड़कर भाग गए हैं।
लालू यादव के वार्ड की पहले भी तलाशी ली जा चुकी है। झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी कहा था कि लालू से मिलने आने वाले लोगों के लिए जेल के नियम ताक पर नहीं रखे जा सकते। कई विपक्षी नेता राँची जाकर लालू से मुलाकात कर चुके हैं।
"राजद के स्वार्थी नेताओं के सफाए के लिए मैंने 'लालू-राबड़ी' मोर्चा बनाया है। तेजस्वी यादव समझदार हैं लेकिन उन लोगों की वजह से उनके आँखों पर पर्दा आ गया है। मेरी माँ राबड़ी देवी को भी सजग रहने की ज़रूरत है। मेरी बातें सभी लोगों को बाद में समझ आएँगी।"
लालू यादव के समय उनके आस-पास रघुनाथ झा, रघुवंश प्रसाद, अखिलेश सिंह और सीताराम सिंह जैसे वरिष्ठ और अनुभवी नेता संकटमोचक के रूप में हुआ करते थे जो पार्टी में किसी भी तरह की स्थिति को संभालने की ताक़त रखते थे। आज पार्टी को इनकी कमी खल रही है।
फिलहाल लालू यादव स्वास्थ्य कारणों से राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (RIMS) में दाखिल हैं। वहाँ उनका इलाज़ चल रहा है। उनसे मिलने आने वाले लोगों से भी वह हॉस्पिटल में ही मुलाक़ात कर रहे हैं। रघुबर दास ने कहा है कि इस मामले में जेल नियमों में कोई ढील नहीं दी जाएगी।
मीसा को आज हम जिस रूप में देख रहे हैं, दरअसल वो लालू यादव की ही देन है। एक कहावत 'बापे पूत परापत घोड़ा, नै कुछ तो थोड़म थोड़ा' लालू जी के प्रदेश में खूब बोला जाता है। मतलब बच्चों पर कुछ न कुछ असर तो अपने पिता का पड़ता ही है