जैसे ही काँवड़ियों का समूह कजियाना मुहल्ले मे पहुँचा, वहाँ के समुदाय विशेष ने उनके धार्मिक नारा 'बोल बम' का जयकारा लगाने पर आपत्ति जताई। मगर कांँवड़ियों का समूह फिर भी नारा लगाता रहा। इसके बाद गुस्से में आकर समुदाय विशेष ने उनकी पिटाई कर दी। एक काँवड़िया की हालत नाजुक...
दलित हरिजन महिलाओं के लिए मिथिला का समाज बहुत रुढ़िवादी रहा है। लेकिन कागज पर पेंटिंग बना कर बेचने का मौका जब इन्हें मिलने लगा, तो एक नया द्वार खुल गया। लेकिन फिर शुद्धतावादियों और आधुनिकतावादियों में चर्चा शुरू हो गई। कुछ लोग लोक कला से पौराणिक कथाओं का जाना परंपरा का नष्ट होना बताते हैं, वहीं कुछ लोग...
"मॉब लिंचिंग की घटनाएँ हर सरकार में हुई हैं। चाहे सपा हो या कॉन्ग्रेस, लेकिन किसी ने कानून बनाने की बात नहीं की। ऐसे में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री सख्त कानून बनाने की बात कर रहे हैं तो हमें विश्वास रखना चाहिए।"
फातिमा सरकारी मशीनरी की बात करना चाहतीं हैं? जिस सरकारी मशीनरी को वह महज़ दो घटनाओं के चलते अपनी पूरी कौम के खिलाफ खड़ा मान रहीं हैं, वही मशीनरी सबरीमाला, तिरुपति बालाजी समेत हिन्दुओं के हज़ारों मंदिरों को निगल चुकी है। RTE का बोझ केवल हिन्दू शैक्षिक संस्थान उठा रहे हैं- मुस्लिमों के मदरसे इससे आज़ाद हैं।
हत्यकाण्ड के वक्त प्रदेश के गृह सचिव रहे गुप्ता ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के पीएमओ को जवाब देते हुए ममता बनर्जी के आरोपों को तथ्यहीन बताया था।
भोपाल के टीटी नगर थाना क्षेत्र के बाणगंगा में भीड़ ने बच्चा चोरी के शक में एक युवक की जमकर पिटाई की। पुलिस के पहुॅंचने पर भी भीड़ का गुस्सा कम नहीं हुआ। हॉलांकि किसी तरह पुलिस युवक को भीड़ से बचाने में कामयाब रही।
आईएएस अधिकारी प्रभात मिश्र ने तहसीलदार के माध्यम से 17 दिसम्बर 1955 में जमीन को आदर्श कॉपरेटिव सोसायटी के नाम करा ली। जबकि उस समय तहसीलदार को नामान्तरण का अधिकार नहीं था।
हत्या से जुड़े 10, सामूहिक बलात्कार के 4 और दंगों के 26 मामलों के आरोपितों को अदालत ने बेगुनाह माना। सरकारी वकील के हवाले से बताया गया है कि अदालत में गवाहों के मुकरने के बाद अब राज्य सरकार रिहा आरोपितों के संबंध में कोई अपील नहीं करेगी।
राज्यपाल वजुभाई वाला ने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को बहुमत साबित करने के लिए दूसरी बार 6 बजे तक की डेडलाइन दी थी। कुमारस्वामी ने कहा कि राज्यपाल का वे सम्मान करते हैं, लेकिन उनके दूसरे प्रेम पत्र (डेडलाइन) ने उन्हें आहत किया है।
राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और मध्य प्रदेश के ज्योतिरादित्य सिंधिया को अध्यक्ष बनाने की चर्चा शुरू होने के बाद शुरू हुआ प्रियंका का अभियान। इसके पीछे सोच यह है कि पार्टी अध्यक्ष के तौर पर गॉंधी ही गॉंधी की जगह ले।