Thursday, November 21, 2024

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लॉस्ट इन ट्रांसलेशन: वामियों का ‘एलिटिस्ट’ अभियान और भारत की आम जनता

वो इंडिया के लोग भारत में आकर, किसी और माहौल, किसी और भाषा में, किसी और विषय की बात कर रहे हैं। बेगुसराय की जनता अपना मत देने के लिए बटन दबाती है। दुआ है कि इस 'दबाने' में भी कहीं उन्हें अपने प्रत्याशी के विरोध के स्वर को दबाया जाना न समझ आ जाए!

परमाणु युद्ध का भय दिखाकर वामपंथी बुद्धिजीवियों ने देश को आर्थिक रूप से खोखला किया

विश्व के हर बड़े देश ने परमाणु अस्त्र इसलिए बनाए ताकि उनके ऊपर परमाणु हमला करने से पहले दूसरा देश दस बार सोचे। अब यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की जनता को इस बात की याद दिलाते हैं कि हमारे पास भी परमाणु अस्त्र हैं इसलिए हम दूसरों के बम से सुरक्षित हैं तो इसमें बुरा क्या है?

वामपंथी का पेज घंटों में रि-स्टोर, दक्षिणपंथी अंशुल को फेसबुक ने हफ्ते भर लटकाया

प्रथमदृष्टया यह फेसबुक के राईट-विंग के खिलाफ पूर्वग्रह का मामला लगता है। क्योंकि यदि ध्रुव राठी के मामले में फेसबुक तेजी से भूल-सुधार कर सकता है तो अंशुल सक्सेना मामले में क्यों नहीं?

दक्षिणपंथी मूर्ख नहीं है वामपंथी परमादरणीय क्यूटियों, तुम एक्सेल-एक्सेल खेलते रहो

अगली बार कोई एन्टीसैप्टिक क्रीम वाले लोग ऐसा विज्ञापन बनाएँगे जिसमें किसी नमाज़ पढ़ने जाते बच्चे पर हिन्दू बच्चों ने बम उछाल दिया हो, और उसकी चमड़ी जल जाए। बाद में पता चले कि वो तो हिन्दू ही था जिसने अपने मजहबी दोस्त के लिए टोपी पहनकर बम झेला! फिर आप चुपके से अपनी क्रीम बेच लेना यह कहकर कि साम्प्रदायिक सद्भावना का परिचायक है यह विज्ञापन।

बरखा दत्त, शेहला रशीद, मनीष सिसोदिया, क्विंट आदि मीडिया गिरोह के नए झूठ और नैरेटिव

कई वामपंथी अजेंडाबाज़ और पत्रकारों का समुदाय विशेष पुलवामा आतंकी हमले के बाद नए नैरेटिव लाने की पुरज़ोर कोशिश कर रहा है जहाँ ऐसा लगे कि ये लड़ाई कश्मीरी बनाम भारतीय है।

आतंकी हमले पर माओवंशी गिरोह सक्रिय: ‘मोदी ने कराया होगा’ से लेकर जवानों की जाति तक पहुँचे

बसु चाहती हैं कि लोग यह मानें कि भारतीय सशस्त्र बलों ने नरेंद्र मोदी के इशारे पर अपने ही सैनिकों की हत्या कर दी है। और सोचने वाली बात यह है कि बसु ने यह ट्वीट जैश-ए-मुहम्मद द्वारा हमले के लिए जिम्मेदारी का दावा करने के लंबे समय बाद पोस्ट किया है।

आख़िर क्या कारण है कि ‘लेफ़्ट’ इतना बलवान और ‘राइट’ इतना कमज़ोर?

लेफ़्ट इसलिए बलवान नहीं है कि उसके पास पैसा है। लेफ़्ट इसलिए भी बलवान नहीं है कि उसके पीछे विदेशी ताकते हैं। बल्कि लेफ़्ट इसलिए बलवान है क्योंकि उनमें एकता है

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