Sunday, November 24, 2024

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‘कुछ फेक मीडिया वाले आकर यहाँ धर्म के नाम पर खेलना चाहते थे’: कारवाँ और द वायर की पोल खोलता सुभाष मोहल्ले का फखरुद्दीन

"जब उनसे आईडी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने दिखाने से मना कर दिया। वह यहाँ का माहौल बिगाड़कर धर्म के नाम पर खेल करवाना चाह रहे थे। हम यहाँ बरसों से रह रहे हैं। यहाँ सभी प्यार से रहते हैं यहाँ ऐसा कुछ नहीं है।"

संबित पात्रा पर टूट पड़े लिबरल्स: कॉन्ग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी की टीवी चैनल पर बहस के बाद हुई मौत को बनाया हथियार

कॉन्ग्रेस समर्थकों और लिबरल्स ने राजीव त्यागी की मृत्यु को हथियार बना कर संबित पात्रा के खिलाफ़ ज़हर उगलना शुरू कर दिया।

संप्रदाय विशेष के लिए हो अलग निर्वाचन समूह, संसद में मिले आरक्षण: आकार पटेल की संविधान विरोधी माँग, जिन्ना का समर्थन

आकार पटेल ने कहा कि संप्रदाय विशेष के लोगों के लिए अब संसद से लेकर अन्य प्रतिनिधित्व समूहों में अपने लिए अलग जगह माँगने का वक्त आ गया है।

इधर राम मंदिर का भूमिपूजन, उधर ‘Burnol’ के सर्च में भारी उछाल: नॉर्थ-ईस्ट ने दिखाई सबसे ज्यादा दिलचस्पी

5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन के दौरान बर्नोल के सर्च में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई।

हरा मस्जिद, बगल में लाल मंदिर: ‘द वायर’ की रोहिणी सिंह ने अपने बच्चे के सहारे फैलाया प्रोपेगेंडा, रोया सहिष्णुता का रोना

'द वायर' की रोहिणी सिंह के अनुसार, बाईं तरफ उनके बेटे ने एक हरे रंग के मस्जिद का चित्र बनाया और उसके बगल में ही एक मंदिर का चित्र बनाया, जो लाल रंग की है।

‘मंदिर वहीं बनाएँगे, पर तारीख़ नहीं बताएँगे’: देखिए आज ‘भक्त’ बने कॉन्ग्रेस-केजरी-ठाकरे-लिबरल जमात ने कैसे उड़ाया था मजाक

इसमें कई इस्लामी विचारधारा के समर्थक और कॉन्ग्रेसी नेता भी मौजूद हैं, जिन्होंने कानूनी अड़चनों के कारण विलम्ब होने पर अतीत में राम मंदिर निर्माण का मखौल उड़ाया था।

‘जो सबके नाम बदलते थे, मोदी जी ने उनका ही बदल दिया’: PM मोदी के कारण ट्विटर पर मीम्स की बौछार

राम मंदिर शिलान्यास करने के बाद पीएम मोदी ने लोगों को इस शुभ अवसर पर संबोधित किया। भाषण के दौरान गलती से मोदी ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को “आदित्य योगीनाथ” कहकर संबोधित कर दिया।

‘ये मेरा भारत नहीं रहा’ कहने वालों के लिए विमान लेकर इन्तजार कर रहे सोनू सूद, कोपभवन से नहीं निकल रहे लिबरल्स

जब हिन्दू मेजोरिटी वाले भारत में रह कर भारत और हिन्दुओं को गाली दी जा सकती है और उन्हें बदनाम किया जा सकता है तो फिर कहीं और जाने से क्या फायदा?

जख्म-ए -लिबरल: शेखर गुप्ता को याद आया 1992 का समय, बाबरी विध्वंस को ‘राष्ट्रीय कलंक’ बताने पर बंद करनी पड़ी थी मैगजीन

राना अयूब तो इस बात से भी खफ़ा हैं कि कॉन्ग्रेसी नेता भी राम मंदिर के जश्न में हिन्दुओं के साथ अपनी उपास्थिति दर्ज कराने के लिए मरे जा रहे हैं।

‘राम मंदिर- घृणा, कट्टरता और हिंसा का स्मारक’ – भूमि पूजन से पहले मीडिया गिरोह में सूजन

"ये क्या वही देश है जिसके लिए मेरे पूर्वजों ने लड़ाई लड़ी। मैं अब अपने देश को नहीं पहचान पा रही।" "सॉरी कश्मीर, धिक्कार है भाजपा सरकार पर।"

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