Wednesday, October 9, 2024
Homeरिपोर्टमीडिया'कुछ फेक मीडिया वाले आकर यहाँ धर्म के नाम पर खेलना चाहते थे': कारवाँ...

‘कुछ फेक मीडिया वाले आकर यहाँ धर्म के नाम पर खेलना चाहते थे’: कारवाँ और द वायर की पोल खोलता सुभाष मोहल्ले का फखरुद्दीन

अब इसी मोहल्ले की हकीकत और द वायर व कारवाँ जैसे मीडिया पोर्टलों की सच्चाई को उजागर करते फखरुद्दीन की वीडियो सामने आई है। फखरुद्दीन को इस वीडियो में कहते सुना जा सकता है कि वह सुभाष मोहल्ले में 16 बरसों से रह रहे हैं। वह बताते हैं कि यहाँ कुछ फेक मीडिया वाले आए। जो खुद को पत्रकार बता रहे थे।

उत्तर पूर्वी दिल्ली के सुभाष मोहल्ला से एक फखरुद्दीन नामक व्यक्ति का वीडियो सामने आया है। वीडियो में उसे कहते सुना जा सकता है कि कुछ फेक मीडिया वालों ने वहाँ जाकर धर्म के नाम पर खेल करने का प्रयास किया। वह लोग तो बरसों से वहाँ प्रेम से रहते हैं।

याद दिला दें, ये फखरुद्दीन उसी सुभाष मोहल्ले के निवासी हैं जो राम मंदिर भूमिपूजन के बाद चर्चा में आया। इस मोहल्ले को लेकर वामपंथी मीडिया ने दावा किया था कि यहाँ संप्रदाय विशेष पर ज्यादतियाँ होती हैं। उन्हें दबाया जाता है। उन्हें खौफ में रखा जाता है।

कारण- एक शन्नो नाम की महिला की शिकायत थी। जिसके हवाले से द वायर ने अपनी रिपोर्ट में कई अनर्गल दावे कर दिए थे। हालाँकि, जब ऑपइंडिया ने अपनी पड़ताल की तो मालूम चला कि वहाँ वैसा कुछ नहीं हुआ जैसा रिपोर्ट में बताया गया। बल्कि रिपोर्ट के उलट पूछताछ में ये पता चला कि मोहल्ले के कुछ लोगों ने उस महिला के ख़िलाफ़ माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है। जिसमें फकरुद्दीन भी एक शिकायतकर्ता है।

हमने इस पूरे मामले पर शन्नो की शिकायत, पुलिस के बयान, मोहल्ले वालों की शिकायत के साथ आपके समक्ष एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की थी।

इस घटना के अलावा द कारवाँ ने भी अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि उनके पत्रकार के साथ इस मोहल्ले में घेरकर बदसलूकी हुई।

अब इसी मोहल्ले की हकीकत और द वायर व कारवाँ जैसे मीडिया पोर्टलों की सच्चाई को उजागर करते फखरुद्दीन की वीडियो सामने आई है। फखरुद्दीन को इस वीडियो में कहते सुना जा सकता है कि वह सुभाष मोहल्ले में 16 बरसों से रह रहे हैं। वह बताते हैं कि यहाँ कुछ फेक मीडिया वाले आए। जो खुद को पत्रकार बता रहे थे।

फकरुद्दीन के अनुसार, “जब उनसे आईडी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने दिखाने से मना कर दिया। वह यहाँ का माहौल बिगाड़कर धर्म के नाम पर खेल करवाना चाह रहे थे। हम यहाँ बरसों से रह रहे हैं। यहाँ सभी प्यार से रहते हैं यहाँ ऐसा कुछ नहीं है। यहाँ सभी मिलजुल कर रहते हैं।”

पंचजन्य की रिपोर्ट में एक नियाज मोहम्मद नाम के व्यक्ति का जिक्र है। रिपोर्ट के अनुसार नियाज कहते हैं, “हम यहाँ 25 बरसों से रह रहे हैं। हिंदू और इस्लाम को मानने वाले दोनों मिलजुल कर रहते हैं। कभी किसी तरह की कोई लड़ाई यहाँ नहीं हुई। सभी बहुत शांति से रहते हैं। यहाँ कुछ मीडिया वाले आए थे और यहाँ का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे। जब उन्हें रोका गया तो उन्होंने लोगों ने बहस की।”

गौरतलब है कि शन्नो का मामला सामने आने के बाद और द वायर की रिपोर्ट देखकर इस बारे में हमारी ओर से भजनपुरा थाने के एसएचओ की संपर्क किया गया था। SHO अशोक शर्मा ने कहा था कि इस इलाके में हिंदू और संप्रदाय विशेष दोनों लोग रहते हैं। उन्होंने पटाखे भी फोड़े। अब वे हमें उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कह रहे हैं। जब राष्ट्र में हर कोई जश्न मना रहा है, दीया जला रहा है और पटाखे फोड़ रहा है, तो फिर मुद्दा क्या है?

SHO शर्मा ने कहा कि यह एक समस्या तब होती, जब उनके घर के दरवाजे पर यह किया गया होता, दीया जलाना और केसरिया झंडे लगाना कोई अपराध नहीं है। अशोक शर्मा ने कहा है कि इस विषय में स्थानीय लोगों के साथ बात करने पर ही पता चल पाएगा कि यह मुद्दा क्या है और यदि कोई विवाद है तो क्या यह आपसी बातचीत से हल किया जा सकता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिस सरकारी अस्पताल में काम करते हैं जब्बार खान-मुशीर अहमद, वहाँ ‘जैविक जिहाद’ की कर रहे थे तैयारी: डॉक्टर यशवीर के खाने में TB...

जब्बार खान और मुशीर अहमद टीबी के किसी मरीज का बलगम डॉ यशवीर के खाने में मिलाने की साजिश लम्बे समय से रच रहे थे।

RG Kar अस्पताल के 50 सीनियर डॉक्टर ने एक साथ दिया इस्तीफा, आमरण अनशन पर जूनियर डॉक्टर्स: जानिए वजह, यहीं हुआ था रेप-मर्डर

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 50 वरिष्ठ डॉक्टरों ने जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में सामूहिक इस्तीफा दे दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -