ममता बनर्जी अब जहाँ से भी गुज़रेंगी हो सकता है कि उस स्थान को अब पूरी तरह से खाली करा लिया जाए। आमतौर पर उस स्थान को पहले से ही खाली करा लिया जाता है जहाँ नेताओं के विरोध में नारेबाज़ी होने की गुंजाइश हो या फिर उन्हें काले झंडे दिखाए जाने की संभावना हो।
‘जय श्रीराम’ के नारे से तिलमिलाई ममता ने अपनी भड़ास निकालने के लिए ‘जय बांग्ला’ और ‘जय हिंद’ शब्दों का इस्तेमाल शायद एक विकल्प के रूप में चुना है। शब्दों को लेकर ममता बनर्जी की यह सोच उनकी कुंठित मानसिकता को उजागर करती है।
तृणमूल राज्यसभा सांसद शुभाशीष चक्रवर्ती का एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। जिसमें वो अपने सहयोगियों से कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि आगामी चुनाव में हिंदुओं को वोट देने की अनुमति न दी जाए।
बीजेपी ने अपने कार्यकर्ता की हत्या का जिम्मेदार TMC को बताया है। मृतक की पहचान 52 वर्षीय सुशील मंडल के रूप में हुई है। पांडुग्राम पुलिस थाने में मामले को औपचारिक रूप से दर्ज करवा दिया गया है। पुलिस, मामले की जाँच में जुट गई है।
वो मामला (इसे आप धार्मिक कह लें या सांस्कृतिक) जिसने बंगाल की रगों में ममता के विरुद्ध सोच पनपने की जमीन तैयार की। वो मामला राजनीतिक नहीं था। वो मामला RSS या BJP के द्वारा तैयार नहीं किया गया था। बल्कि उस मामले को ममता ने खुद अपने हाथों से तैयार किया। छले गए बंगालियों ने...
टीएमसी पार्टी की आपात बैठक में ममता बनर्जी ने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बल ने उनके खिलाफ कार्रवाई की, एक आपात स्थिति पैदा की गई। साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम के बीच भेदभाव किया गया साथ ही वोटों की हेराफेरी हुई। ममता दीदी ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग में शिकायत की, लेकिन कोई भी कदम नहीं उठाया गया।
“क्या असली खेल EVM है? क्या पैसे देकर EXIT POLL कराया गया? यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, बंगाल हर जगह BJP ही जीत रही है ये कौन यक़ीन करेगा? सभी दल EC से मिलकर VVPAT-EVM के मिलान में गड़बड़ी पर Election रद्द करने की माँग करें।”
मालदा और बशीरहाट में ऐसी घटनाएँ सामने आईं जहाँ कट्टरपंथी, हिन्दुओं के ख़िलाफ़ काफ़ी उग्र होते नज़र आए, जबकि इन्हीं हिंसात्मक हमलों में हिन्दुओं को बचाने की कोशिश में पुलिस महकमा पूरी तरह से विफल रहा।
"तुम लोगों का नसीब अच्छा है कि मैं यहाँ शांत बैठी हूँ वरना तो मैं एक सेकेंड में दिल्ली में भाजपा दफ्तर और तुम्हारे घरों पर कब्ज़ा कर सकती हूँ। अमित शाह क्या भगवान हैं, जो उनके ख़िलाफ़ कोई प्रदर्शन नहीं कर सकता है?"