Wednesday, November 20, 2024

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Media Hypocrisy

कोरोना, इस्लामोफोबिया और पश्चिमी मीडिया: कुचक्रों के बावजूद जीतेगा भारत

कोरोना के खिलाफ लड़ाई एक लम्बी लड़ाई है। ये तय है कि मानवता के साथ-साथ भारत भी इस लड़ाई को जीत ही लेगा।

अभिव्यक्ति की आजादी देश की चूलें हिलाने में नहीं, देशहित में अभिव्यक्त हों: आजादी के सिपाहियों की मंशा

कुछ लोगों को लगता है कि सत्ता के खिलाफ आवाज उठाना ही सबसे बड़ा वाक्शौर्य है, लेकिन वो भूल जाते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब सिर्फ...

कोरोना: प्लाज्मा थेरेपी को ICMR ने बताया खतरनाक, लिबरल गिरोह साबित कर रहा था तबलीगी जमात का मानवता पर उपकार

प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना वायरस के उपचार की बात पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि यह थेरेपी अभी तक साबित नहीं हुई है। अभी सिर्फ.....

एंटोनिया माइनो की राष्ट्रीयता नहीं बल्कि मंशा पर प्रश्न रहा है, ‘The Print’ अक्षय कुमार की नागरिकता से करना चाहता है मूल्यांकन

प्रश्न हमेशा एंटोनिया माइनो की मंशा पर ही हुए हैं ना कि राष्ट्रीयता पर, अर्नब गोस्वामी ने भी सोनिया गाँधी की मंशा पर ही सवाल उठाए हैं......

डिलीवरी बॉय बरकत उस्मान से सामान लौटाने की बात निकली झूठी, गजानन चतुर्वेदी ने वीडियो में बताई पूरी बात

डिलीवरी बॉय बरकत उस्मान ने आरोप लगाया कि गजानन ने उसके हाथ से सामान लेने से मना कर दिया। जिसके बाद गजानन को......

अर्नब पर हमला न होकर रवीश पर होता तो नेशनल-इंटरनेशनल मीडिया में चलते ये 4 हेडलाइन

...अगर ये हमला अर्नब पर न होकर रवीश पर होता तो क्या देश का चौथा स्तम्भ अब तक भरभराकर गिर नहीं गया होता? इंटरनेशनल मीडिया अब तक...

भारत के कट्टरपंथी पाकिस्तानियों के साथ मिल कर अरब देशों में कार्यरत हिंदुओं को बना रहे निशाना

केरल स्थित इस्लामी चरमपंथियों ने नफ़रत फैलाने वाले अभियान का नेतृत्व किया, जिसमें अरब और कानून अधिकारियों से खाड़ी में काम करने वाले हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया गया क्योंकि वे "भारत में मजहब के लोगों को मारते" हैं।

वे 22 हिन्दू चेहरे जिनकी लिंचिंग पर पूरा मीडिया शांत रहा- क्योंकि उनका नाम तबरेज, अखलाक नहीं था?

हिंदुओं की लिंचिंग से जुड़ी 21 ऐसी घटनाएँ, जिन्होंने शायद तबरेज या अखलाख से कम दर्द नहीं सहा। मगर उनके नाम पर सब मूक रहे.....

राणा अयूब जैसों को चाहिए प्रोपगेंडा चलाने के लिए माल पानी, वरना जो मोदी सरकार कहेगी वो उसके उलट मायने खुद गढ़ लेंगी

देश के खिलाफ़ राणा अयूब की नफरत का स्तर इतना बढ़ चुका है कि वे देश के पीएम को इस्लामिक देशों के दबाव में देखना चाहती हैं।

पालघर में मारे गए साधु तो हिन्दू थे ही नहीं: ‘The Wire’ ने शुरू किया लिंचिंग पर प्रपंच फैलाने का गन्दा खेल

जब कुम्भ के समय दलित को महामंडलेश्वर बनाया गया था, तब 'द वायर' जैसे प्रपंची पोर्टलों ने इसे चुनाव से पहले दलित वोटों को लुभाने वाला उपक्रम भी करार दिया था।

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