पत्र में कथित लिबरल हस्तियों ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अदालत का दुरूपयोग कर रहे हैं। नसीरुद्दीन शाह सहित 180 हस्तियों ने लिखा कि वे 49 लोगों द्वारा पीएम को लिखे पत्र के एक-एक शब्द का समर्थन करते हैं।
कार्यक्रम के दौरान सरसंघचालक ने शस्त्र-पूजन भी किया। एचसीएल के संस्थापक और अरबपति कारोबारी शिव नादर इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मोहन भागवत ने 'मॉब लिंचिंग' गिरोह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कुछेक सामाजिक अपराध की घटनाओं को 'मॉब लिंचिंग' के रूप में ब्रांड किया गया।
जिस व्यक्ति ने एफआईआर दर्ज कराई है, उसका कहना है कि इन सेलेब्रिटीज ने देश की छवि को कलंकित किया है। वहीं] फ़िल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि इस एफआईआर से उनका कोई ताल्लुक नहीं है।
भीड़ ने नशे में घटनास्थल पर एक मामला सुलझाने पहुँचे दो पुलिसकर्मियों की जमकर धुनाई कर डाली। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिसकर्मी शराब के नशे में एक पारिवारिक विवाद का निपटारा करने आए थे। फ़िलहाल दोनों घायल पुलिसकर्मियों का अलवर के अस्पताल में इलाज चल रहा है।
"तबरेज अंसारी की मौत घटनास्थल पर नहीं हुई थी, और ग्रामीणों का भी अंसारी को मारने का कोई इरादा नहीं था। मेडिकल रिपोर्ट में भी हत्या के आरोपों की पुष्टि नहीं हो पाई।" - आईपीसी की धारा 304 के तहत दाखिल चार्जशीट पर सरायकेला-खरसावां के एसपी कार्तिक का बयान।
गुलशन की मौत के बाद नईम अपने परिवार और अन्य लोगों के साथ अस्पताल पहुँचा और हंगामा शुरू कर दिया। कुछ देर बाद भीड़ डॉक्टर को खींचकर सड़क पर ले आई और बुरी तरह पीटने लगी। भीड़ ने डॉक्टर को पुलिस की जीप से भी खींच लिया।
आपने इसीलिए रंजीत का नाम नहीं सुना क्योंकि उसकी मॉब लिंचिंग को लेकर किसी ने आवाज़ ही नहीं उठाई। क्यों नहीं उठाई? क्योंकि आरोपितों में मुस्लिम लोग शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपितों में से 2 के नाम अनवर और मिंटू है, जो भाई हैं। लोगों को यह भी बताना पड़ेगा न।
अस्पतालों, डॉक्टरों, उपकरणों और अन्य संसाधनों की घोर कमी का संकट दोतरफा है। फिर क्यों 75 फीसदी डॉक्टर जुबानी और 12 फीसदी शारीरिक हिंसा के शिकार? सरकारों की नाकामी का खीझ उन पर क्यों? इस गुस्से को सिस्टम से सवाल करने के लिए बचाकर रखिए।
ओवैस ने मोबाइल की लीड को पैकिंग से निकाल लिया था, जिसके बाद दुकानदार ने लीड वापस लेने से मना कर दिया। दुकानदार ने कहा कि सामान खोल दिया है और अब इसे वापस नहीं लेंगे। लेकिन कारी सामान वापस करने पर अड़ा हुआ था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हो गया।
TOI से हमारा सवाल- 'अगर महादलितों की मॉब लिंचिंग हुई है तो SC-ST एक्ट क्यों नहीं लगा?' जवाब यह है कि सभी हत्यारोपित महादलित ही हैं। देखिए किस तरह से ख़बरों को पेश कर फेक नैरेटिव को हवा दी जाती है। मीडिया के नए रूप को आप भी अच्छी तरह समझ लें।