Thursday, December 5, 2024

विषय

Mob Lynching

मुझे लोग ख़ूब गालियाँ दे रहे हैं, खुलेआम घृणा से व्यथित हूँ: नसीरुद्दीन शाह का ‘मॉब लिंचिंग गिरोह’ को समर्थन

पत्र में कथित लिबरल हस्तियों ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अदालत का दुरूपयोग कर रहे हैं। नसीरुद्दीन शाह सहित 180 हस्तियों ने लिखा कि वे 49 लोगों द्वारा पीएम को लिखे पत्र के एक-एक शब्द का समर्थन करते हैं।

हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए की गई ‘मॉब लिंचिंग’ की ब्रांडिंग: विजयदशमी उत्सव पर भागवत

कार्यक्रम के दौरान सरसंघचालक ने शस्त्र-पूजन भी किया। एचसीएल के संस्थापक और अरबपति कारोबारी शिव नादर इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मोहन भागवत ने 'मॉब लिंचिंग' गिरोह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कुछेक सामाजिक अपराध की घटनाओं को 'मॉब लिंचिंग' के रूप में ब्रांड किया गया।

मोदी सरकार ने नहीं कराया PM को पत्र लिखने वाले 49 सेलेब्स के ख़िलाफ़ FIR, मीडिया चला रहा प्रपंच

जिस व्यक्ति ने एफआईआर दर्ज कराई है, उसका कहना है कि इन सेलेब्रिटीज ने देश की छवि को कलंकित किया है। वहीं] फ़िल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि इस एफआईआर से उनका कोई ताल्लुक नहीं है।

पुलिस की मॉब लिंचिंग: अलवर में भीड़ ने इस तरह धुना कि अस्पताल पहुँच गए थानेदार, सिपाही

भीड़ ने नशे में घटनास्थल पर एक मामला सुलझाने पहुँचे दो पुलिसकर्मियों की जमकर धुनाई कर डाली। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिसकर्मी शराब के नशे में एक पारिवारिक विवाद का निपटारा करने आए थे। फ़िलहाल दोनों घायल पुलिसकर्मियों का अलवर के अस्पताल में इलाज चल रहा है।

तबरेज की मौत तनाव और हृदयाघात से, 11 आरोपितों पर नहीं चलेगा हत्या का मामला: झारखंड पुलिस

"तबरेज अंसारी की मौत घटनास्थल पर नहीं हुई थी, और ग्रामीणों का भी अंसारी को मारने का कोई इरादा नहीं था। मेडिकल रिपोर्ट में भी हत्या के आरोपों की पुष्टि नहीं हो पाई।" - आईपीसी की धारा 304 के तहत दाखिल चार्जशीट पर सरायकेला-खरसावां के एसपी कार्तिक का बयान।

खून की कमी से मर गई गुलशन, नईम बेग ने परिवार के साथ मिलकर डॉक्टर को पीटा

गुलशन की मौत के बाद नईम अपने परिवार और अन्य लोगों के साथ अस्पताल पहुँचा और हंगामा शुरू कर दिया। कुछ देर बाद भीड़ डॉक्टर को खींचकर सड़क पर ले आई और बुरी तरह पीटने लगी। भीड़ ने डॉक्टर को पुलिस की जीप से भी खींच लिया।

अगर आपने तबरेज का नाम सुना है और रंजीत का नहीं तो जान लीजिए ‘उनका’ एजेंडा कामयाब रहा

आपने इसीलिए रंजीत का नाम नहीं सुना क्योंकि उसकी मॉब लिंचिंग को लेकर किसी ने आवाज़ ही नहीं उठाई। क्यों नहीं उठाई? क्योंकि आरोपितों में मुस्लिम लोग शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपितों में से 2 के नाम अनवर और मिंटू है, जो भाई हैं। लोगों को यह भी बताना पड़ेगा न।

सड़े हुए सिस्टम से लड़ो नामर्दों, 73 साल के डॉ. देबेन दत्ता की मॉब लिंचिंग से खाक मिलेगा

अस्पतालों, डॉक्टरों, उपकरणों और अन्य संसाधनों की घोर कमी का संकट दोतरफा है। फिर क्यों 75 फीसदी डॉक्टर जुबानी और 12 फीसदी शारीरिक हिंसा के शिकार? सरकारों की नाकामी का खीझ उन पर क्यों? इस गुस्से को सिस्टम से सवाल करने के लिए बचाकर रखिए।

मॉब लिंचिंग: अय्यूब और लल्लन ने मदरसा शिक्षक कारी ओवैस को पीट-पीटकर मार डाला

ओवैस ने मोबाइल की लीड को पैकिंग से निकाल लिया था, जिसके बाद दुकानदार ने लीड वापस लेने से मना कर दिया। दुकानदार ने कहा कि सामान खोल दिया है और अब इसे वापस नहीं लेंगे। लेकिन कारी सामान वापस करने पर अड़ा हुआ था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हो गया।

महादलितों की मॉब लिंचिंग: TOI की भ्रामक हेडलाइन के पीछे छिपा मीडिया कुचक्र का घिनौना सच

TOI से हमारा सवाल- 'अगर महादलितों की मॉब लिंचिंग हुई है तो SC-ST एक्ट क्यों नहीं लगा?' जवाब यह है कि सभी हत्यारोपित महादलित ही हैं। देखिए किस तरह से ख़बरों को पेश कर फेक नैरेटिव को हवा दी जाती है। मीडिया के नए रूप को आप भी अच्छी तरह समझ लें।

ताज़ा ख़बरें

प्रचलित ख़बरें