अगर कोई अपने निवास या प्रवास का फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दस्तावेज का निरस्तीकरण भी हो जाएगा और दस्तावेज मुहैया कराने वाले बिचौलिए, कर्मचारी और अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी।
चुनाव आयोग के मुताबिक नागरिक ट्रिब्यूनल का फैसला आने तक वोटर लिस्ट में मौजूद हर मतदाता को वोट डालने का अधिकार होगा। ऐसे में अब जब तक इस मामले पर फाइनल ऑर्डर नहीं आता, तब तक ये आदेश बहाल रहेगा।
कपिल मिश्रा ने केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह भी संभव है कि दिल्ली में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट और भारत सरकार का घुसपैठियों की पहचान करने का जो दिशा निर्देश है, उसके रास्ते में रोड़े अटकाने की साजिश हो।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "वे जल्द ही संसद में नागरिक संशोधन विधेयक पेश करेंगे और इसके आधार पर NRC पर जाँच शुरू होगी। उन्होंने लोगों से कहा, पश्चिम बंगाल में पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिन्दू रह सकेंगे और बाकी अवैध प्रवासियों को बाहर किया जाएगा।"
तिवारी ने सीएम के बयान पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या केजरीवाल दिल्ली में रह रहे देश के अन्य हिस्से के लोगों को विदेशी मानते हैं? तिवारी ने दावा किया कि अरविन्द केजरीवाल अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं।
प्रस्तावित नागरिकता विधेयक संशोधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रस्ताव लंबित है। संसद के आगामी सत्र में यह बिल लाने पर बल दिया गया। कई नेताओं ने कहा कि एनआरसी से पहले इस बिल को लाने की कवायद होनी चाहिए थी।
प्रद्योत ने प्रदेश के वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता लुइज़िन्हो फलैरो पर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका वापस लेने का दबाव बनाया था। प्रद्योत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर असम की तरह NRC की माँग की थी।
ममता बनर्जी ने गृहमंत्री के सामने एनआरसी को लेकर उठाए मुद्दे के बारे बताया कि उन्होंने गृहमंत्री को एक पत्र सौंपा है और साथ ही एनआरसी से बाहर किए गए 19 लाख लोगों के बारे में बात की है, जिनमें बंगाली, गोरखा और हिन्दी बोलने वाले लोग भी हैं।
"हमने अपने चुनावी घोषणापत्र में देश की जनता से वादा किया था कि केवल असम में नहीं बल्कि पूरे देश में एनआरसी लाएँगे और देश की जनता का एक रजिस्टर बनाएँगे तथा बाकी (अवैध प्रवासियों) लोगों के लिए कानून के हिसाब से कार्रवाई होगी।"
देश में NRC ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है। असम में पिछले दिनों राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की लिस्ट जारी कर दी गई है। इस लिस्ट में 19 लाख से अधिक लोगों के नाम इस लिस्ट में नहीं है।