"शारीरिक रूप से भले ही कॉन्ग्रेसी कार्यकर्तागण अपनी पार्टी के लिए प्रचार-प्रसार करें लेकिन मानसिक रूप से वो सभी मेरे साथ हैं। वो मुझे फोन करके बताते हैं कि मैं लोकसभा चुनाव जरूर जीतूँगा। उनका कहना है कि वह मेरे साथ हैं।"
इमामों के प्रशिक्षण के लिए कॉलेज स्थापित किया जाएगा। नमाज़ पढ़ने के लिए नमाज़ रूम बनवाया जाएगा। 'Almaspet Circle' का नाम बदल कर टीपू सुल्तान के नाम पर कर दिया जाएगा। अमीन पीर दरगाह को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
नाराज़ कॉन्ग्रेस विधायक अब्दुल सत्तार ने अपने समर्थकों की मदद से कॉन्ग्रेस दफ़्तर की सारी कुर्सियाँ ही उठवा लीं। उन्होंने कॉन्ग्रेस कार्यालय से 300 के क़रीब कुर्सियों को गायब करा दिया। विधायक के इस रवैये के कारण कॉन्ग्रेस की बैठक राकांपा के दफ़्तर में हुई।
अपने पूरे राजनीतिक कैरियर में जयाप्रदा अपने गुरु अमर सिंह की ही लकीर पर चलती आईं हैं- जब अमर सिंह को सपा की आतंरिक कलह ने किनारे कर दिया था तो जयाप्रदा को भी पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया।
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के दामाद और फिरोजाबाद से जिला पंचायत अध्यक्ष अनुजेश यादव रविवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में पार्टी ज्वॉइन कर ली। जिसकी वजह से कहीं न कहीं सपा को बीजेपी की तरफ से झटका लगा है।
समाजवादी पार्टी ने इस बार कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन करने की बजाए बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन किया। 2014 में सपा और बसपा को केवल 5 और 0 सीटें मिली थीं, जबकि भाजपा ने देश में ऐतिहासिक जनादेश हासिल करने के साथ-साथ यूपी की 71 सीटें जीती थीं।
आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राजद 20, कॉन्गेस 9, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को 5, जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को 3 और मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को 3 सीटें दी गई है।
रणबीर गंगवा को लेकर मीडिया में खबरें हैं कि भाजपा उनको हिसार लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बना सकती है। गंगवा आईएनएलडी के प्रमुख नेताओं में से एक हैं और वह राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं।
रणजीत ने अपने हजारों समर्थकों के सामने इसकी घोषणा की है कि वह राज्य मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में वानखेडे स्टेडियम के गरवारे हॉल में बीजेपी में शामिल होंगे।