पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि भारत के प्रथम गृह मंत्री के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल ने रियासतों को एक करने का एक बहुत बड़ा भगीरथ और ऐतिहासिक काम किया। सरदार वल्लभभाई पटेल की ये ही विशेषता थी जिनकी नज़र हर घटना पर टिकी थी।
महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी ने सावरकर को भारत रत्न देने का वादा किया था। कॉन्ग्रेस ने जमकर इसका विरोध किया। हालॉंकि उसके राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका समर्थन करते हुए कहा था कि सावरकर ने आज़ादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी।
मोदी ने वाराणसी के कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए स्थानीय दुकानदारों के सामानों को प्राथमिकता देने को कहा। उन्होंने हरेक को अपने आसपास रहने वाली बालिकाओं को सम्मानित करने की बात कही, इसे उन्होंने भारत की लक्ष्मी कहा।
वर्ष 2014 में जब PM मोदी के नेतृत्व में NDA सरकार बनी, तो उस समय भारत की रैंकिंग 190 देशों में से 142वें स्थान पर थी। 4 साल तक जारी सुधार के बाद साल 2017 में भारत की रैंकिंग सुधरकर 100 हो गई। 2018 में स्थिति फिर सुधरी और भारत ईज़ ऑफ़ डुईंग लिस्ट में 77वाँ स्थान बनाने में क़ामयाब रहा था।
पीएम मोदी ने फिल्म जगत की हस्तियों से दांडी में बने गाँधी आश्रम घूमने की भी अपील की। पीएम मोदी ने स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी का भी ज़िक्र करते हुए उपस्थित फ़िल्मी सितारों से आग्रह किया कि वे वहाँ भी ज़रूर जाएँ।
"अटल बिहारी वाजपेयी जब कोई फ़ैसला लेते थे, तो वे इस बात का ध्यान रखते थे कि उस फ़ैसले से किसी को कोई समस्या न हो, यानी कोई उनके फ़ैसले से नाराज़ न हो। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी की बात करें तो वो किसी भी फ़ैसले के क्रियान्वयन के मामले में प्रभावी और कठोर हैं।"
मुंबई में हमलों के तुरंत बाद शरद पवार दूरदर्शन स्टूडियो पहुँचे और घोषणा की कि कुल 13 विस्फोट हुए। उन्होंने जिस विस्फोट का अविष्कार किया उसके बारे में उन्होंने बताया कि वो एक मस्जिद में हुआ था। श्रीकृष्ण आयोग के सामने गवाही देते हुए, पवार ने LTTE पर बम विस्फोट का आरोप मढ़ने कोशिश की।
"बेहद प्यारा! निहाल को मेरा आशीर्वाद। वह भविष्य में जो भी करे, उसके लिए शुभकामनाएँ। मुझे पूरा विश्वास है कि उसे आपके रूप में एक अच्छा गुरु और गाइड मिलेगा।"
"ये वीर सावरकर के ही संस्कार हैं कि राष्ट्रवाद को हमने राष्ट्र निर्माण के मूल में रखा है। वीर सावरकर को आए दिन गालियाँ देने वाले, उनका अपमान करने वाले, वही लोग हैं जिन्होंने बाबा साहेब आंबेडकर का कदम-कदम पर अपमान किया। उनको दशकों तक भारत रत्न से वंचित रखा।"