विजय माल्या ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा कि,“मैंने प्रधानमंत्री का संसद में दिये गए आख़िरी भाषण को सुना। वह निश्चित रूप से एक बहुत अच्छे वक्ता हैं। मैंने सुना कि उन्होंने अपने भाषण में 9,000 करोड़ रुपये लेकर भागे एक अज्ञात व्यक्ति का ज़िक्र किया।"
केजरीवाल ने मोदी को अशिक्षित कहा है। हालाँकि, उनके बयानों को सुनकर, उनके ट्वीट पढ़कर उनके साक्षर होने का प्रमाण तो मिलता है, लेकिन उनके शिक्षित होने पर बहुत लोगों को संदेह होता है।
तमिलनाडु के तिरुप्पुर में भी नरेंद्र मोदी ने कॉन्ग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस ने मध्यम वर्ग को हमेशा नकारा है इसलिए जनता ने उन्हें नकार दिया है।
मोदी ने कहा, "केंद्र ने आंध्र के लिए पिछले 55 महीने में कोई कमी नहीं छोड़ी। लेकिन कमी सिर्फ़ इतनी रही कि केंद्र से जो पैसा आया वो यहाँ कि सरकार ने आपको बताया नहीं। यहाँ खर्च़ नहीं किया।"
सस्ती लोकप्रियता के लिए PM मोदी की आड़ में एक ट्रोल ने अपने ट्वीट में पूर्वोत्तर की इस जनजाति के पहनावे और लोगों की तुलना 'मोर' से कर डाली, जिसे मीडिया गिरोहों द्वारा हाथों-हाथ रीट्वीट किया गया।
साढ़े तीन साल तक कुशलतापूर्वक सेवा देने के बावजूद उन्हें पद छोड़ना पड़ा था, इसकी वजह राहुल का वो आदेश था जिसके मुताबिक़ जो 80 साल के हो गए हों उन्हें सत्ता में नही रहना चाहिए।