Saturday, July 27, 2024
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भगोड़े विजय माल्या ने कहा, ‘ले लो बक़ाया पैसा वापस’

बता दें कि विजय माल्या 2 मार्च, 2016 को देश छोड़कर लंदन भाग गया था। माल्या को कड़ा झटका देते हुए मुंबई की धनशोधन निरोधक क़ानून (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने उसे भगोड़ा ‘आर्थिक अपराधी’ घोषित कर दिया था।

आर्थिक भगोड़ा एवं शराब कारोबारी विजय माल्या ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यकाल के संसद में आख़िरी भाषण का ज़िक्र करते हुए नाटकीय अंदाज़ में कहा कि उसने जिन पैसों को लौटाने के लिए प्रस्ताव दिये हैं उन्हें लेने के लिए प्रधानमंत्री बैंकों को निर्देश ही नहीं दे रहे हैं।

बता दें कि विजय माल्या ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा कि,“मैंने प्रधानमंत्री का संसद में दिये गए आख़िरी भाषण को सुना। वह निश्चित रूप से एक बहुत अच्छे वक्ता हैं। मैंने सुना कि उन्होंने अपने भाषण में ₹9,000 करोड़ लेकर भागे एक अज्ञात व्यक्ति का ज़िक्र किया।”

मीडिया आई ख़बरों के मुताबिक़, “मैं यह अनुमान लगा सकता हूँ कि उनका इशारा मेरी ओर था। मैं प्रधानमंत्री से आदरपूर्वक पूछना चाहता हूँ कि वे बैंको को मेरे द्वारा पेशकश की गई राशि को लेने का निर्देश क्यों नहीं दे रहे हैं ताकि वह (प्रधानमंत्री) कम से कम किंगफिशर को दिये गए ऋण की पूर्ण वसूली का श्रेय लेने का दावा तो कर सकें।”

अपने अगले ट्वीट में माल्या ने लिखा, “मैंने माननीय कर्नाटक उच्च न्यायालय के सामने ऋण वापसी का प्रस्ताव रखा है, जिसे ख़ारिज कर दिया गया है। यह पूरी तरह से सत्य और ईमानदार प्रस्ताव है। अब यह उनके हाथ में है। बैंक किंगफिशर एयरलाइन्स को दी अपनी राशि क्यों नहीं लेते हैं?”

इसके अलावा माल्या ने एक अन्य ट्वीट में लिखा,“मुझे यह कहते हुए आश्चर्य हो रहा है कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दावा किया कि मैंने अपनी सम्पत्ति छुपा ली है! अगर मैंने सम्पत्ति छुपाई होती तो मैं अदालत के सामने सार्वजनिक रूप से लगभग
₹14,000 करोड़ की सम्पत्ति कैसे रख सकता था? लोगों को भ्रमित करना शर्मनाक और भयावह है।”

बता दें कि विजय माल्या 2 मार्च, 2016 को देश छोड़कर लंदन भाग गया था। माल्या को कड़ा झटका देते हुए मुंबई की धनशोधन निरोधक क़ानून (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने उसे भगोड़ा ‘आर्थिक अपराधी’ घोषित कर दिया था। लंदन की एक अदालत ने 10 दिसंबर, 2018 को उनके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। ब्रिटेन के गृहमंत्री साजिद जावीद ने चार फ़रवरी 2019 को माल्या को करारा झटका देते हुए उसे भारत प्रत्यर्पित करन के आदेश पर हस्ताक्षर किए। माल्या को वहाँ के हाईकोर्ट में अपील करने के लिए 14 दिनों का समय दिया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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