वकील प्रशांत भूषण ने 28 मार्च को अपने ट्विटर हेंडल से एक ट्वीट करते हुए लिखा था कि जबरन तालाबंदी के कारण करोड़ों लोग भूखे-प्यासे घर से चले जाते हैं, हमारे हृदयहीन मंत्री रामायण और महाभारत की अफीम का सेवन और भोजन करते हैं।
साल 2005 में आई एक लिस्ट पढ़िए। इस लिस्ट में 107 ऐसे लोगों के नाम हैं जिन्हें 1952 से लेकर 2005 तक राज्य सभा के लिए नामित किया गया। इनमें करीब 4 नाम ऐसे हैं, जिनका वकालत संबंधी बैकग्राउंड होने के बावजूद उन्हें नामित किया गया।
स्वराज्य अभियान और प्रशांत भूषण दंगाईयों को क़ानूनी मदद उपलब्ध कराते हैं। नागरिकता क़ानून के नाम पर देश में अराजकता फैलाने के लिए इन विरोध प्रदर्शनों को और जारी रखना स्वराज्य अभियान और प्रशांत भूषण जैसे लोगों का कुचक्र है। पढ़ें व्हाट्सप्प चैट।
जेट एयरवेज कंगाली की कगार पर है और इसके संस्थापक नरेश गोयल के दाऊद से संपर्क की बातें होती रही हैं। इसी तरह राफेल मामले में सुनवाई को प्रभावित करने की कोशिश की गई। प्रशांत भूषण ने मीडिया में झूठ क्यों बोला? कौन सा तंत्र काम कर रहा है CJI पर लगे आरोपों के पीछे?
प्रशांत भूषण कई बार इन संगठनों के लिए अदालत में जिरह कर चुके हैं, जिनके गवर्निंग बॉडी में वो शामिल हैं। मेजर सुरेंद्र पुनिया (रिटायर्ड) ने भूषण के ख़िलाफ़ शिकायत दायर की थी जिसके बाद उन्होंने ये क़दम उठाया।