Sunday, September 1, 2024
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प्रशांत भूषण, ट्विटर इंडिया के खिलाफ SC ने स्वतः संज्ञान लेकर दर्ज किया अदालत की अवमानना का केस, कल होगी सुनवाई

अपने ट्वीट में प्रशांत भूषण ने कहा था, "जब भविष्य में इतिहासकार वापस मुड़कर देखेंगे कि किस तरह से पिछले 6 वर्षों में औपचारिक आपातकाल के बिना ही भारत में लोकतंत्र को नष्ट किया गया है, तो वे विशेष रूप से इस विनाश में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका को चिह्नित करेंगे, और पिछले 4 CJI की भूमिका को और भी अधिक विशेष रूप से।”

सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ मंगलवार (जुलाई 21, 2020) को अदालत की अवमानना का केस दर्ज कर लिया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने भूषण के साथ-साथ ‘ट्विटर इंडिया’ पर भी मुकदमा दर्ज किया। मामले की सुनवाई कल बुधवार, 22 जुलाई को होगी।

जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की तीन जजों वाली बेंच 22 जुलाई को एडवोकेट प्रशांत भूषण और ट्विटर इंडिया के खिलाफ कोर्ट केस की अवमानना याचिका पर सुनवाई करेगी।

हालाँकि, अवमानना कार्यवाही का सही कारण अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा किए गए कुछ अंतिम ट्वीट्स में से एक, जून 27, 2020 को किए गए उनके ट्वीट पर काफी विवाद उत्पन्न हुआ था। यह भी उल्लेखनीय है कि विवादित अधिवक्ता प्रशांत भूषण न्यायपालिका पर लगातार हमले कर रहे हैं।

अपने ट्वीट में प्रशांत भूषण ने कहा था, “जब भविष्य में इतिहासकार वापस मुड़कर देखेंगे कि किस तरह से पिछले 6 वर्षों में औपचारिक आपातकाल के बिना ही भारत में लोकतंत्र को नष्ट किया गया है, तो वे विशेष रूप से इस विनाश में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका को चिह्नित करेंगे, और पिछले 4 CJI की भूमिका को और भी अधिक विशेष रूप से।”

हालाँकि प्रशांत भूषण के खिलाफ यह पहली अवमानना कार्यवाही नहीं है। मार्च 2019 में, भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में एक ‘प्रामाणिक गलती’ ट्वीट करते हुए स्वीकार किया था कि सरकार ने संभवत: अंतरिम सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति पर उच्चस्तरीय चयन पैनल के दस्तावेज तैयार किए थे।

गौरतलब है कि इससे पहले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने वकील प्रशांत भूषण के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाख़िल की थी। प्रशांत भूषण द्वारा शुक्रवार (फरवरी 1, 2019) को दिए गए बयानों को लेकर यह अवमानना याचिका दाख़िल की गई थी।

याचिका में वेणुगोपाल ने कहा था कि भूषण ने उनकी ईमानदारी पर शक जताया। बता दें कि प्रशांत भूषण ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि सीबीआई प्रमुख नागेश्वर राव की नियुक्ति के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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