Monday, November 18, 2024

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Ravish Kumar

52 महीने ट्वीट नहीं किया फिर भी वेरिफाइड रहा रवीश का ट्विटर हैंडल, 6 महीने इनएक्टिव रहे तो छीन लिया वेंकैया नायडू का ब्लू...

रवीश कुमार ने अगस्त 22, 2015 में एक ट्वीट के बाद सीधा जनवरी 2020 में एक ट्वीट को एक रीट्वीट किया था, अर्थात साढ़े 4 साल का गैप। इसके बाद फिर 1 साल का गैप।

प्लेन से उतार रवीश को सरकार ने किया अरेस्ट: बाल्टी पर बरखा ने की रिपोर्टिंग, ‘वल्चर’ राजदीप ने कहा- शाम बन गई

"रवीश कुमार हिंदी पत्रकारिता के बरखा दत्त थे... भारत की आवाज़ थे। किसी ने उनसे सवाल पूछा तो जवाब में उन्होंने उसे ब्लॉक कर दिया।"

‘2 मई को नहीं हो चुनावी कवरेज’: रवीश कुमार ने दिया था ज्ञान, NDTV ठेंगा दिखा सुबह से चला रही दुकान

रवीश कुमार ने अपनी राय बताते हुए स्पष्ट लिखा था कि किसी चैनल को चुनावी नतीजे के दिन कवर नहीं करना चाहिए और किसी नेता का इंटरव्यू नहीं चलाना चाहिए।

लाशों के सहारे पोस्ट लिखते रहने की फेसबुकी रवीश कुमार की उम्मीद!  

रवीश कुमार दशकों से उम्मीद से हैं। इतने वर्षों तक उम्मीद से रहने के बावजूद उन्होंने कभी खुद को उम्मीदवार घोषित नहीं किया।

रवीश और बरखा की लाश पत्रकारिताः निशाने पर धर्म और श्मशान, ‘सर तन से जुदा’ रैलियाँ और कब्रिस्तान नदारद

अचानक लग रहा है जैसे पत्रकारों को लाश से प्यार हो गया है। बरखा दत्त श्मशान में बैठकर रिपोर्टिंग कर रही हैं। रवीश कुमार लखनऊ को लाशनऊ बता रहे हैं।

डर का माहौल! भारत के सबसे ‘ईमानदार’ पत्रकार 3 दिन से कहाँ गायब? क्या यह चुप्पी ही है आज का शो

रेडियो चुप है। कोई ब्लैक स्क्रीन नहीं है। कहीं पेंट हुए चेहरे नहीं हैं और कोई मीम नहीं है। सिर्फ़ चुप्पी है। यही चुप्पी तुम्हारे रक्षक की हकीकत है। ये चुप्पी ही आज का शो है।

AAP की चाटुकारिता, मोदी-विरोध में रवीश की सस्ती कविता: दिल्ली-बिल्ली कर गिराई पत्रकारिता की गिल्ली

सबसे बड़ी बात तो ये कि रवीश कुमार ने तृणमूल कॉन्ग्रेस के इस बार के चुनावी स्लोगन 'खेला होबे' का इस्तेमाल कर के दिल्ली-बिल्ली की रट लगाई।

बिरयानीजीवी, हार्वर्डजीवी, थप्पड़जीवी…: PM के ‘आंदोलनजीवी’ के बाद मीम्स की बौछार

प्रधानमंत्री मोदी के 'आंदोलनजीवी' शब्द का इस्तेमाल करने के बाद सोशल मीडिया में मीम्स की बौछार हो गई है।

बहिरा नाचे अपने ताल: रिहाना पर रवीश कुमार का तान, कहा- लता मंगेशकर को बुलाना पड़ गया

भारत के आंतरिक मामले में विदेश हस्तक्षेप को सराहते हुए रवीश कुमार ने उन हस्तियों पर निशाना साधा है जो इसके विरोध में खड़े हुए थे।

पुलिस के पास बैकअप प्लान क्यों नहीं Vs बैरिकेड लगा क्यों रोक रही: अपने ही पाखंड में उलझे रवीश कुमार

बैरिकेडिंग की तस्वीरों को देख वामपंथी गिरोह बेचैन हुआ पड़ा है और गिरोह के प्रिय रवीश कुमार अपनी बात से फिर पलट गए हैं।

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