स्वामी असीमानंद के 40,000 से अधिक ईसाई मिशनरी द्वारा धर्मांतरित इन आदिवासियों की 'घरवापसी' से घबराकर वेटिकन सिटी से लेकर सोनिया गाँधी तक ने डांग क्षेत्र का दौरा किया था।
बसंत के भाई ने एक वीडियो के जरिए इस घटना के बारे में बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि 4-5 मजहबी धर्म प्रचारकों ने उन्हें धमकी दी और इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए उन पर हमला किया।
पीड़िता की मॉं का कहना है कि मुनीर ने फिरौती में चार लाख रुपए लेने के बाद भी उनकी बेटी को नहीं लौटाया। उसने कहा कि बच्ची ने इस्लाम कबूल कर लिया। उन्होंने अपनी अन्य बेटियों को अगवा किए जाने की आशंका भी जताई है।
अधिकारियों ने बताया कि मूर्ति और क्रॉस को कपड़े में लपेटकर चर्च के अधिकारियों को सौंप दिया गया है। एक ग्रामीण ने बताया कि प्रतिमा अब गॉंव के चर्च में रखी गई है।
भारतीय प्रवासियों ने पाकिस्तान में एक नाबालिग हिंदू लड़की महक कुमारी, जिसे जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया गया था और सिंध में मुस्लिम व्यक्ति से शादी कराई गई थी, के लिए न्याय की माँग की। प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'जस्टिस फॉर महक कुमारी', 'स्टैंड अप फॉर ह्यूमन राइट्स' जैसे पोस्टर लेकर नारे लगाते दिखे।
“कोई लोभ देकर किसी का धर्म परिवर्तन न करे। मैं हाथ जोड़कर विनती करता हूँ कि धर्म से बड़ा कोई चीज नहीं होता। किसी धर्म में चचेरे भाई-बहन में शादी होती है। मगर हमारे धर्म में ऐसा नहीं होता है... यही मेरा धर्म है। आदमी हम भी हैं और वे भी हैं। हम अपने धर्म की रक्षा करें। मैं आप लोगों से अपील करता हूँ कि धर्म से बड़ा कुछ नहीं है।”
यहाँ के युवाओं का कहना है कि हिंदू लोगों के ईसाई में परिवर्तित होने की पोल सरस्वती पूजा के दौरान खुली, जब वो लोग चंदा के लिए ताराटांड टोले में गए। वहाँ के निवासियों ने खुद को ईसाई बताते हुए चंदा देने से इनकार कर दिया, जबकि पिछले साल तक वे लोग पूजा में शाामिल रहे हैं।