ईसाई मिशनरी भोले-भाले लोगों को प्रलोभन दे रहा था और अपने मजहब की श्रेष्ठता का बखान कर रहा था। तभी वहाँ पहुँचे बौद्ध भिक्षु सुमनरत्ना ने उसे ऐसा चाटा मारा कि उसका चश्मा ज़मीन पर जा गिरा और वो व्यक्ति लड़खड़ाते हुए कुछ क़दम पीछे जा खड़ा हुआ।
Legal Righs Ptotection Forum ने घोषणा की कि उन्होंने पादरी के ख़िलाफ़ केंद्रीय गृह सचिव और FCRA प्रभाग (MHA) में ईसाई धर्मांतरण के सन्दर्भ में शिक़ायत दर्ज़ करवाई है। शिक़ायत में माँग की गई है कि ईसाई संगठन के FCRA लाइसेंस को रद्द किया जाए, साथ ही इसके बैंक खातों को ज़ब्त किया जाए
महक 13 दिसंबर से अपने कराची स्थित घर से गायब हुई थी। जिसके बाद उसका एक वीडियो आया है। इस वीडियो में महक हिजाब पहनकर बैठी है और अपना नाम महक केसवानी की जगह महक फातिमा बता रही है।
सरिता और अनुज के अनुसार रविवार की सुबह वे दवाई लेने के लिए घर से निकलने वाले थे। तभी सरिता के मायके पक्ष से 20 लोगों ने उनपर हमला बोला और लाठी-डंडो से उनसे मारपीट की गई। उनपर पत्थर बरसाए गए।
उस समय बजरंग दल व अन्य हिन्दू संगठनों ने उनकी मदद की। उपायुक्त ने भी उन्हें वहाँ रहने की छूट दे दी। इसके बाद वे वर्ष 2006 में रोहतक से फतेहाबाद के रतिया क़स्बे के निकट गाँव रतनगढ़ में आकर रहने लगे। यहाँ वो पिछले 13 सालों से रह रहे हैं।
हुमा 8वीं कक्षा में पढ़ती है। पहले हुमा को किडनैप किया गया फिर जबरन धर्म परिवर्तन कराने के बाद अपहरण करने वाले अब्दुल जब्बार से उसका निकाह करा दिया गया। इसके बाद बड़े 'शान' से और 'हिम्मत' के साथ निकाह के कागज हुमा के माता-पिता के पास भेज दिया गया - यह इसलिए क्योंकि समझ जाओ कि बेटी अब दूसरे की हो गई, लापता-मिसिंग-कोर्ट-कचहरी जाने का कोई फायदा नहीं!
युवती ने एसपी क्राइम को अपनी शिक़ायत में बताया कि उनके अब्बू ने गाँव में अन्य लोगों के साथ मिलकर पंचायत की, जिसमें यह तय किया है कि अगर उन्होंने (दंपति) गाँव में पैर रखा तो उनकी हत्या कर दी जाएगी। एक सप्ताह पहले युवती के परिजनों ने दोनों का अपहरण करने की भी कोशिश की थी।
जहाँ पढ़ने जाती थी हिंदू नाबालिग लड़की, उसी कोचिंग सेंटर के मालिक ने उसको अपने प्रेम जाल में फँसाया। फिर 17 साल की लड़की को फर्जी ऐफिडेविट से 19 साल का बनाया। अंततः लड़की के साथ मस्जिद में निकाह की खबर के बाद फरार...
स्थानीय निवासी के अनुसार वह अपने परिवार के एक सदस्य को लेकर बीमारी से ठीक करवाने के लिए इन पादरियों की धर्मपरिवर्तन सभा में गया था। जहाँ कुछ ग्रामीणों ने उससे कहा कि धर्मपरिवर्तन के बाद एक शीशी से पवित्र जल पिलाने से उसके परिजन की बीमारी दूर हो जाएगी।