यहाँ कट्टरपंथी और वामी-कामी गिरोह सत्तू-नमक बाँध कर बैठा है कि जब तक दो भी जिंदा रहेगा आपसे में ही लड़ मरेंगे, एक ही बचा तो हाथ में तलवार और पैर के अँगूठे और दूसरी उँगली के बीच में कटार फँसा कर लड़ता रहेगा। उसका जन्म ही अराजकता फैलाने के लिए हुआ है, हिंसा उसकी नियति है, हिन्दूघृणा उसका न बदल सकने वाला पाठ्यक्रम है, आग लगाना उसकी मनोवृत्ति है, दंगा उसके लिए मजहबी आयोजन है…
SC ने कहा कि धरना-प्रदर्शन का अधिकार अपनी जगह है लेकिन अंग्रेजों के राज वाली हरकत अभी करना सही नहीं है और धरना-प्रदर्शन निर्धारित जगहों पर ही होना चाहिए।
आज उन्हें टाइम्स ने साल 2020 की 100 सबसे प्रभावशाली शख्सियतों की सूची में शामिल कर लिया है। खास बात यह है कि टाइम्स पर बिलकिस को लेकर टिप्पणी करने वाली राणा अय्यूब स्वयं हैं।
पहले वीडियो में, उसने गोधरा में 56 कारसेवकों की मौत के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को दोषी ठहराया। उसने कहा कि आरएसएस ने कारसेवकों को जबरदस्ती ट्रेन में बिठाया और जला दिया।
नागरिकता कानून के नाम पर शुरू हुए दंगों ने दिल्ली को जलाया। और इसके पीछे ऐसे नाम थे, जिनके चलते हालात सुधर सकते थे लेकिन हालात सुधरना तो दूर इन लोगों की बातों के बाद स्थितियाँ और बदतर ही हुईं।
दिल्ली स्थित शाहीन बाग़ इलाके में एक बार फिर हलचल तेज होती नजर आ रही हैं। बुधवार सुबह से ही शाहीन बाग के साथ ही जामिया, बटला हाउस में भी भारी पुलिसबल तैनात किया गया है।
मोदी की जीत, उनका समर्थन और भारत की जनता का किसी नेता पर अभूतपूर्व विश्वास सिर्फ और सिर्फ यही संदेश देते हैं कि मतदाता अब अपना निर्णय लेना जानते हैं और वो उसी के साथ न्याय करेंगे, जो उनके साथ न्याय करेगा।