देश भर में पुलिसकर्मी और स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान की बाजी लगा कर ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन मुस्लिम बहुल इलाक़ों में उन पर हमले का सिलसिला थम नहीं रहा है। ये घटना शुक्रवार रात की है जब पुलिस लोगों को समझाने के लिए सड़कों पर निकली हुई थी।
अहमदाबाद में पुलिस को तब निशाना बनाया गया जब वह निजामुद्दीन के मरकज से निकले लोगों की तलाश कर रही थी। इससे पहले मधुबनी, भिलाई, सोलापुर, बोंगाईगॉंव जैसे कई जगहों पर पुलिस के काम में बाधा डालने की कोशिश समुदाय विशेष की तरफ से हो चुकी है।
हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश राय के काफिले पर कल रात मेंहनगर में पथराव किया गया। इस पत्थरबाजी के कारण उनका वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। करीब 4 से 5 की संख्या में अराजक तत्वों ने उनके काफिले पर पथराव किया।
लेनदेन के विवाद को मुर्शीद ने एनआरसी और सीएए से जोड़ दिया। इसके बाद कट्टरपंथी हिंसा पर उतर आए। मस्जिद से भी पथराव किए जाने की बात स्थानीय लोगों ने कही है।
पंकज ने खुद को गौरी तिवारी का बेटा बता तहसीलदार को झॉंसा देने की कोशिश की। लेकिन, एक पुलिसकर्मी ने कहा- साहब यह भी पत्थरबाजी कर रहा था। इसे मैंने खुद देखा है। इसके बाद कथित पंकज ने मुॅंह खोला तो उसका भेद भी खुल गया।
जब दीपावली के दिन हिन्दू पटाखे फोड़ रहे थे, तभी अचानक से लगभग 60 की संख्या में मुस्लिम भीड़ पहुँची और उन्होंने हिन्दुओं पर हमला कर दिया। भारी पथराव के कारण कई लोग घायल हो गए। जब मुस्लिमों ने पत्थरबाजी की तो कई लोगों ने इसका वीडियो भी बना लिया।
दुर्गा-पूजा विसर्जन जुलूस जब साहिबगंज के बाटा रोड से एलसी रोड की तरफ जा रहा था, तभी मुस्लिमों ने पत्थरबाजी की। इससे पहले कि जुलूस एलसी रोड पहुँचता, तब मुस्लिम बहुल इलाक़ा शुरू होने से ठीक पहले स्थित आर्य समाज मंदिर पर पत्थरबाजी की गई।
टोंक जिले में मालपुरा कस्बा हमेशा से संवेदनशील रहा है। यहाँ कहा जाता है कि हर साल 2 या 3 बार हिंदू मुस्लिम आबादी आपस में भिड़ते हैं। जिसके चलते कई बार यहाँ दंगे भी हो चुके हैं।
इसी रेल खंड पर फ़रवरी 2019 में जब 'वन्दे भारत' का ट्रायल किया जा रहा था तो उस पर भी पत्थर फेंके गए थे। उस घटना में ट्रेन का साइड विंडो क्षतिग्रस्त हो गया था। मार्च में दोबारा यूपी के बदायूँ में इस ट्रेन पर पत्थरबाजी हुई थी।