पूर्व स्पीकर का कहना है कि फर्नीचर अस्थायी विधानसभा में ख़राब हो सकते थे, इसीलिए उनकी सुरक्षा और मेंटेनन्स के लिए ऐसा किया गया। विवाद होने के बाद वे फर्नीचर के रुपए देने के लिए भी तैयार हैं।
नड्डा ने बताया कि सितंबर से देशभर के आठ लाख बूथों पर चुनाव कराए जाएँगे। इसके बाद अक्टूबर में मंडल स्तर पर प्रतिनिधियों का चुनाव होगा। उम्मीद है कि 15 दिसंबर तक सभी राज्यों में संगठन के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
“चंद्रबाबू यदि आप पार्टी में मेरे जैसे लोगों को नहीं चाहते हैं, तो आप मुझे बता सकते हैं। मैं संसद सदस्य के रूप में और पार्टी की सदस्यता दोनों से इस्तीफा दे दूँगा। अगर आप चाहते हैं कि मेरे जैसे लोग बने रहें, तो कृपया अपने पालतू कुत्ते को नियंत्रित करें।”
टीडीपी से जीतने वाले 7 अन्य विधायकों के भी भाजपा से संपर्क होने की बात पता चली है। राज्यसभा में टीडीपी के 4 सदस्य पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं, जिनमें वाईएस चौधरी, टीजी वेंकटेश, जीएम राव और सीएम रमेश शामिल हैं।
आंध्र प्रदेश के भाजपा प्रभारी सुनील देवधर ने दावा किया है कि टीडीपी के 18 विधायक और 30 एमएलसी उनके संपर्क में हैं और वो जल्द बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि टीडीपी अब एक ऐसी पार्टी है, जिसका कोई भविष्य नहीं है, क्योंकि नायडू का भ्रष्टाचार सामने आ चुका है। अगले 2 साल में नायडू जेल जाएँगे।
रेड्डी ने हाल ही में आशंका जताई थी कि अगर टीडीपी का यही रवैया रहा तो तेलंगाना में पार्टी अपने संगठन को खो देगी। वहीं अगर बोड़ा जनार्दन की बात करें तो वह वह चेन्नूर विधानसभा क्षेत्र से 4 बार विधायक रह चुके हैं। 1985 से लेकर 2004 तक वह लगातार 19 वर्षों तक क्षेत्र के विधायक रहे।
लोकसभा चुनाव के दौरान व उससे पहले नायडू लगातार भारत भ्रमण कर विपक्षी नेताओं से मिल कर एकजुटता तैयार करने के प्रयास में लगे हुए थे। उन्होंने लगभग सभी बड़े विपक्षी नेताओं से मुलाक़ात की थी और खंडित जनादेश की स्थिति के लिए योजना बनाई थी।
आंध्र प्रदेश में ईवीएम के खराब होने की खबरों पर सीएम चंद्रबाबू नायडू के चुनाव आयोग को पत्र लिखने संबंधी खबर भी सामने आई। अपने पत्र में उन्होंने उन केंद्रों पर दोबारा मतदान होने की बात की है जहाँ ईवीएम में खराबी की वजह से सुबह 9.30 बजे तक मतदान शुरू नहीं हो पाया था।
लंबे समय से कॉन्ग्रेस से जुड़े रहने के बावजूद जयसूर्या खुद स्वीकारते हैं कि ग्रामीण इलाकों में लोग अब खुलेआम 'नो कॉन्ग्रेस' कहते हैं। कॉन्ग्रेस को लगता है कि उन्हें काम करने की क्या जरूरत है। लोग इंतजार करेंगे और 10 साल बाद खुद उनके पास वापस लौट आएँगे।
राहुल गाँधी ने जहाँ हर गरीब परिवार को ₹72,000 सालाना देने का वादा किया है, वहीं अगर चंद्रबाबू नायडू की पार्टी सत्ता में आती है, तो हर साल प्रत्येक परिवार को ₹2 लाख दिए जाएँगे। इसके साथ ही टीडीपी ने 12वीं पास कर चुके छात्रों को बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही है।