Sunday, November 24, 2024

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The Wire

भारतीय मीडिया में विदेशी संपादक… देश-विरोधी बातें छापना और प्रोपेगेंडा फैलाना है जिसका एकमात्र काम

सही मायने में भारत को अगर किसी से खतरा है तो वो यही फेक न्यूज और प्रोपेगेंडा चलाने वालों तथा देश का अपमान करने वाले सम्पादकों से है जो...

रवीश ने 2 दिन में शेयर किए 2 फेक न्यूज! एक के लिए कहा: इसे हिन्दी के लाखों पाठकों तक पहुँचा दें

NDTV के पत्रकार रवीश कुमार ने 2 दिन में फेसबुक पर दो बार फेक न्यूज़ शेयर किया। दोनों ही बार फैक्ट-चेक होने के कारण उनकी पोल खुल गई। फिर भी...

सोनिया गाँधी की खास रहीं IAS के दावे पर द वायर ने गढ़ा झूठ: PIB ने वेंटिलेटर रिपोर्ट पर कारस्तानी पकड़ी

अहमदाबाद वेंटिलेटर मामले में द वायर के झूठ की पोल खुद पीआईबी ने फैक्टचेक कर खोली है।

जलील हुआ द वायर: सफूरा जरगर पर फर्जी, उन्मादी रिपोर्टिंग के लिए दिल्ली पुलिस ने लगाई फटकार

द वायर ने 'दिल्ली सांप्रदायिक हिंसा: गर्भवती सफूरा को जेल, गन सप्लायर सिरोही को बेल' शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में भ्रामक दावे किए थे।

पालघर पर वायर की कारस्तानी: पहले कहा भीड़ हिंसा के शिकार साधु हिंदू नहीं, फिर चुपचाप बदल दी रिपोर्ट

महाराष्ट्र के पालघर में 16 अप्रैल 2020 को दो साधुओं और उनके ड्राइवर की भीड़ ने निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी।

कलम के आतंकी बम-बन्दूक वालों को आतंकवादी क्यों नहीं लिखते?

आखिर 'जमात-ए-प्रोपेगेंडा' यानी, द वायर, क्विंट, NDTV, बीबीसी आदि आतंकवादियों के नाम के आगे 'आतंकी' क्यों नहीं लिखते हैं?

हंदवाड़ा मुठभेड़ के बलिदानियों का TheWire ने उड़ाया मजाक, आतंकियों के आगे लिखा- ‘कथित’

हंदवाड़ा मुठभेड़ में आतंकियों से लड़ते हुए सेना के जवान और ऑफिसर वीरगति को प्राप्त हुए। लेकिन TheWire के लिए सिर्फ 'कथित आतंकी' हैं।

पालघर में मारे गए साधु तो हिन्दू थे ही नहीं: ‘The Wire’ ने शुरू किया लिंचिंग पर प्रपंच फैलाने का गन्दा खेल

जब कुम्भ के समय दलित को महामंडलेश्वर बनाया गया था, तब 'द वायर' जैसे प्रपंची पोर्टलों ने इसे चुनाव से पहले दलित वोटों को लुभाने वाला उपक्रम भी करार दिया था।

800 साल पुराने गोरखनाथ मंदिर को 18वीं सदी के नवाब ने दी थी भूमि दान- आरफा खानम का झूठा दावा वायरल

तथ्य यह है कि नवाब द्वारा दान देना तो दूर, गोरखनाथ मंदिर को दो बार मुस्लिम आक्रान्ताओं द्वारा नष्ट किया गया था। सबसे पहले इसे अलाउद्दीन खिलजी ने 14वीं सदी में नष्ट किया था। जिससे यह साबित होता है कि यह मंदिर 18वीं शताब्दी से भी पहले का है। इसके बाद फिर 18वीं सदी में भी...

भास्कर ने जमातियों की सच्चाई दिखाई, ‘वायर’ और ‘न्यूजलॉन्ड्री’ छाती कूट कर रोने लगे कि चीटिंग है!

हास्यास्पद यह है कि दैनिक भास्कर ने जिन स्थानों को पाठकों के लिए रिक्त छोड़ा था उसमें 'द वायर' और 'न्यूज़लॉन्ड्री' ने अपनी समझ के अनुसार 'तबलीगी जमात' भर दिया। इसके बाद दैनिक भास्कर पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप भी जड़ दिया।

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