Sunday, April 28, 2024

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The Wire

संकट की घड़ी में ‘द लायर’ ने पेश किए देश के लोगों को डराने वाले आँकड़े, जबकि भारत की तैयारी मरीजों की तुलना में...

सरकार की गंंभीरता और देश की जागरुकता का ही परिणाम है कि 133 करोड़ आबादी वाले देश में कोरोना सबसे धीमी गति से फ़ैल रहा है, लेकिन द लायर जैसे पोर्टल को शायद देश में इटली जैसी तबाही का इंतजार है।

‘द लायर’ ने पैदा किए ‘मुस्लिम पीड़ित’, बिना सबूत कहा ‘जय श्री राम’ कहने वालों ने किया मोलेस्ट

खबर के अंत में लिखे गए एक पैराग्राफ को पढ़कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह से 'जय श्री राम' के प्रयोग से हिंदुओं को न सिर्फ दंगाई बताया गया बल्कि अपनी चापलूसी की सारी हदों को पार कर खबर में अश्लीलता भी परोसी गई कि हिंदुओं ने ही मुस्लिम महिलाओं के सामने अपने पैंट उतारे और उनको अपना लिंग दिखाया।

हिन्दू के स्कूल को बताया दूसरे मजहब वालों का: ‘The Wire’ और NDTV ने मजहबी दंगाइयों को बचाने के लिए फैलाया झूठ

'द वायर' ने इन दोनों स्कूलों को लेकर अपनी 'ग्राउंड रिपोर्टिंग' में झूठ फैलाया है। प्रोपेगंडा पोर्टल ने दावा किया है कि दोनों स्कूलों के मालिक समुदाय विशेष से ही हैं। बता दें कि डीआरपी स्कूल के ओनर पंकज शर्मा हिन्दू हैं।

मस्जिद पर भगवा ध्वज: राणा अयूब ने गिरफ़्तारी के डर से डिलीट किया वीडियो, फिर से किया ट्वीट

'स्क्रॉल' ने दावा किया कि लोगों ने 'जय श्री राम' और 'हिन्दुओं का हिंदुस्तान' नारा लगाते हुए मस्जिद को जला डाला और उसके ऊपर हनुमान का ध्वज फहरा दिया।

‘आत्मा’ से बात कर के ‘The Wire’ के संस्थापक ने कहा- केजरीवाल को 3% अतिरिक्त वोट मिले

लोगों ने एमके वेणु से पूछा कि क्या उन्होंने किसी पूर्व सीएम की आत्मा से बात कर के अरविन्द केजरीवाल की तारीफ कर दी? हालाँकि, 'द वायर' इन्हीं कारणों से जाना जाता है। भाजपा के विरोध में हवा बनाने के लिए वो कुछ भी कर सकता है। दिल्ली का कोई पूर्व सीएम जिन्दा ही नहीं हैं।

‘RSS बॉलिवुड फिल्मों की स्क्रिप्ट लिख रहा, भाजपा फिल्म इंडस्ट्री को बहुत चालाकी से इस्तेमाल कर रही’

"मुस्लिमों को हमेशा काले रंगों में डार्क लाइटिंग के साथ दिखाया गया। जबकि हिंदुओं को रोशनी और रंगीन कपड़ो में। ये बेहद शर्मनाक और खतरनाक है। हम ऐसी फिल्मों के जरिए अपने बच्चों को जाहिल बना रहे हैं।"

चोट हलाला, पॉलीगेमी, तलाक पर की जाती है, दर्द इन्हें होता है: मिलिए ‘The Wire’ की आरफा खानम जी से

जो गोरखनाथ मंदिर को लेकर झूठ फैलाती है। जो आज़म ख़ान के महिलाविरोधी बयान का बचाव करती है। जो 'जय श्री राम' से नफरत करती है और 'ला इलाहा' का महिमामंडन करती है। जो हलाला का विरोध करने वालों से लड़ाई करती है। वो 'द वायर' की आरफा खानम शेरवानी है।

मुस्लिम बन कर मत करो विरोध-प्रदर्शन, वरना… द वायर की आरफा शेरवानी ने समुदाय विशेष को समझाई रणनीति

"हम अपनी विचारधारा से समझौता नहीं कर रहे बल्कि अपने तरीके और स्ट्रेटेजी बदल रहे हैं। सभी जाति, धर्म के लोग साथ आएँ। घर पर खूब मजहबी नारे पढ़कर आइए, उनसे आपको ताकत मिलती है। लेकिन सिर्फ मुस्लिम बनकर विरोध मत कीजिए, आप लड़ाई हार जाएँगे।"

‘The Wire’ की पत्रकार आरफा खानम को लोगों ने समझाया जर्मनी-भारत का फर्क, कहा- हिटलर के विरोध के बाद…

“1930 के नाजी जर्मनी और वर्तमान समय के भारत के बीच क्या अंतर है?” 'The Wire' की पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने ट्विटर पर पूछा ये सवाल तो सोशल मीडिया यूजर ने उन्हें ठीक से समझाया, यहाँ पढ़ें कुछ जवाब....

मुस्लिम होंगे देश से बाहर, सिर्फ धर्म के आधार पर लागू होगा NRC? द वायर फैला रहा झूठ: Fact Check

द वायर ने ये नहीं बताया कि उसने किस आधार पर यह तय किया कि पूरे देश में NRC लागू होने का यही तरीका होगा। क्या इसके लिए सिर्फ धर्म ही एकमात्र आधार होगा। क्या इसके लिए आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र वगैरह जैसे किसी अन्य दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी?

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