Monday, September 30, 2024

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Violence

अब दिल्ली को जलाया, 20 साल पहले सिखों का कत्लेआम किया: तब क्लिंटन आए थे, आज ट्रंप दौरे पर हैं

दिल्ली की हिंसा छत्तीसिंहपुरा के नरसंहार की याद दिला रही है। तब भी केंद्र में बीजेपी की सरकार थी। भारत-अमेरिका संबंध नया मोड़ ले रहा था। देश की छवि खराब करने की साजिशें तब भी रची गई थी।

‘हिंदू की गाड़ी जला दी, दुकानें जला रहे हैं’: दिल्ली में फिर पत्थरबाजी-आगजनी, अब तक 5 मौतें

नार्थ-ईस्ट दिल्ली में हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं। मौजपुर और ब्रह्मपुरी इलाके में पत्थरबाजी की खबर है। कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया। दिल्ली पुलिस और आरएएफ के जवान इलाके में मार्च कर रहे हैं।

दिल्ली में CAA के विरोध में फिर हिंसा: करावल नगर में होटल फूँका, सीलमपुर-मौजपुर रोड बंद

प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर ट्रैफिक जाम करने का प्रयास किया। पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता की। महिला पुलिसकर्मियों के साथ भी धक्का-मुक्की की गई और बैरिकेड तोड़ने की कोशिश हुई। अग्निश्मन दस्ते को मौके पर पहुॅंचने से रोका गया।

जामिया का हर वीडियो, हर एंगल: लाइब्रेरी में कब, क्या और कैसे हुआ, साथ में लिबरल गिरोह की नंगई भी

पहले एडिटेड वीडियो के जरिए दिल्ली पुलिस को बदनाम करने और दंगाइयों को पाक-साफ बताने की कोशिश की गई। हालॉंकि समय बीतने के साथ पूरी तस्वीर पलट गई और लिबरलों के प्रपंच का किला रेत की महल के माफिक ढह गया।

हाथ में पत्थर लेकर जामिया की लाइब्रेरी में कौन सी पढ़ाई करने जा रहे ‘छात्र’: नए Video से पलटी पूरी तस्वीर

हाथ में पत्थर लेकर और चेहरे पर नकाब बाँध कर लाइब्रेरी में कौन सी पढ़ाई की जाती है, ये जामिया के उपद्रवी ही बता पाएँगे। वीडियो में कुछ उपद्रवियों को पत्थर लेकर लाइब्रेरी में घुसते हुए देखा जा सकता है। ये वो दंगाई हैं, जो 15 दिसंबर को पुलिस से बचने के लिए यहाँ छिपे थे।

जामिया के लाइब्रेरी में पहले घुसे नकाबपोश, पीछे से आई पुलिस: नए वीडियो से बेनकाब हुआ प्रपंच

नए वीडियो में देखा जा सकता है कि लाइब्रेरी के दरवाजे पर एक व्यक्ति खड़ा है, जो भाग कर आ रहे नकाबपोशों को अंदर घुसा रहा है। जाहिर है पुलिस ने यूँ ही किसी पर कार्रवाई नहीं की। उसने उपद्रवियों को चिह्नित कर एक्शन लिया।

UP: 4 दिनों में PFI के 108 सदस्य गिरफ्तार, CAA की आड़ ले प्रदेश के कई शहरों में भड़काई थी हिंसा

"2001 में सिमी पर प्रतिबंध के बाद साल 2006 में केरल में PFI बना था। PFI का संगठन पूरे यूपी में है। शामली, बहराइच, पीलीभीत में विशेष तौर पर सक्रिय है।"

पटना में सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान पथराव, फायरिंग और बमबाजी, गुमला में भी तनाव

पटना में जिस जगह हिंसा भड़की उसके करीब ही सब्जीबाग है। यहॉं दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर सीएए के विरोध में प्रदर्शन चल रहा है। उपद्रवियों ने वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया।

CAA पर हिंसा: कानपुर से PFI के 5 सदस्य गिरफ्तार, मेरठ के 12 खातों में डाला गया पैसा

गिरफ्तार किए गए मोहम्मद उमर, सैयद अब्दुल, फैज़ान, वासिफ और सरवर पर बाबूपुरवा और यतीमखाना में हिंसा भड़काने का आरोप है। मेरठ में हिंसा से ठीक पहले 4 खातों में 3 करोड़ रुपए डाले गए थे।

CAA के लिए मोदी को सलाम, विरोधी सत्ता के लिए फैला रहे गलतफहमी: हैदराबाद उर्दू यूनिवर्सिटी के चांसलर

फिरोज बख्त ने सीएए के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा, "मोदी और उनके साथियों सलाम कि उन्होंने ऐसे लोगों (पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों) को नागरिकता देने का निर्णय लिया है।"

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