Monday, September 30, 2024

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Violence

JNU हिंसा के दो चेहरे: जानिए कौन हैं नकाबपोशों का नेतृत्व करने वाली आइशी घोष और गीता कुमारी

गीता कुमारी और आइशी घोष- इन दो नामों को याद रखिए। महिला होकर इन दोनों के नकाबपोश गुंडों ने महिलाओं के साथ बदतमीजी की। यही वामपंथी महिलाधिकार का झंडा लेकर कैंडल मार्च निकालते हैं। जेएनयू हिंसा में दोनों वामपंथियों का अहम रोल दिख रहा है।

लेफ्ट इकोसिस्टम ने पहले ही रच ली थी JNU हिंसा की साज़िश: वामपंथियों की बौखलाहट का पूरा खाका

अकादमी क्रियाकलाप में हज़ारों छात्रों ने भाग लिया, इससे वामपंथी बौखला गए। सीएए पर BJP 3 करोड़ घरों में पहुँच रही है, इससे उन्हें तगड़ा झटका लगा। जेएनयू में हुई हिंसा के पीछे जितने भी फैक्टर्स हैं, उन सबके बारे में समझिए। देखिए लेफ्ट इकोसिस्टम ने कैसे अफवाहें फैलाई।

प्रशासन ने बताई JNU में हमलावरों की ‘पहचान’: विपक्ष जबरदस्ती ठहरा रहा सरकार को जिम्मेदार

पुलिस को पूरे मामले पर जानकारी दी गई। लेकिन पुलिस के घटनास्थल पर पहुँचने से पहले ही ये छात्रों का समूह अपना उत्पात मचा चुका था। कई शांत छात्रों को उनके कमरों में घुसकर मारा गया था और कई शिक्षकों पर भी हमले हुए थे। सुरक्षाकर्मियों के भी इस हमले में घायल होने की खबर है।

‘जामिया में पुलिस क्यों घुसी’ से लेकर ‘JNU में पुलिस क्यों नहीं गई’ तक: गिरोह विशेष का दोहरा रवैया

जब जामिया में पुलिस घुसी थी, तो इन्होने ही पुलिस की निंदा की थी। आज ये पूछ रहे हैं कि जेएनयू में पुलिस क्यों नहीं घुसी? कल जब वामपंथी दंगाइयों को गिरफ़्तार किया जाएगा, मीडिया उनके परिवार का इंटरव्यू लेगा और उन्हें निर्दोष बताएगा। दिल्ली पुलिस ही बलि का बकरा क्यों बने?

JNU हिंसा का इंटरनेशनल कनेक्शन, घायल छात्रा ने खोली पोल: शॉल में पत्थर छिपाए दंगाइयों ने मचाया आतंक

इंटरनेशनल नंबरों से व्हाट्सप्प ग्रुप में घुस कर ABVP के नाम पर बातचीत की गई। छात्र-छात्राओं को कॉल कर के धमकियाँ और गालियाँ दी जा रही हैं। वेलेंटिना ने बताया कि शॉल के अंदर पत्थर छिपा कर आए उपद्रवियों ने डंडों से भी हमला किया। रजिस्ट्रेशन रोकने के लिए ऐसा किया गया।

JNU में हमला कर रही नकाबपोश गुंडी ABVP कार्यकर्ता नहीं है, फैलाया जा रहा झूठ: Fact Check

क्या नकाबपोश गुंडी और शाम्भवी, दोनों एक ही हैं? सच जानने के लिए हमें दोनों तस्वीरों को बारीकी से देखना चाहिए। दोनों की शारीरिक बनावट एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है। शर्ट का चेक पैटर्न भी अलग। जूते से लेकर कलावा तक में अंतर - लेकिन प्रोपेगेंडा फैलाना ही एकमात्र काम हो तो कोई क्या करे!

JNU हिंसा में वामपंथी हुए बेनकाब! एक मोबाइल नंबर, एक व्हॉट्सअप ग्रुप और कई स्क्रीनशॉट से पर्दाफाश

ABVP को बदनाम करने के लिए जिस ग्रुप चैट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर JNU की पूर्व अध्यक्ष गीता द्वारा शेयर किया गया, उसमें कई नंबर साफ नजर आए। जब इन नंबरों की पड़ताल हुई तो एक नंबर उसमें अमन सिन्हा का निकला। अमन सिन्हा कोई और नहीं बल्कि वामपंथी है, कन्हैया से लेकर उमर खालिद और अफजल गुरु तक वो...

‘रजिस्ट्रेशन कराने गईं छात्राओं के प्राइवेट पार्ट पर हमला, बाथरूम ले जाकर दुर्व्यवहार’ – JNU मामले में गंभीर आरोप

"जब कुछ छात्राएँ मैनुअली रजिस्ट्रेशन करवाने जा रहे थीं तो उनके हिप पर, उनके प्राइवेट पार्ट्स पर लाठी-डंडों से हमला किया गया। इतना ही नहीं कई छात्राओं को बाथरूम में ले जाकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।"

JNU में आतंक के 8 घंटे: मास्क लगाए गुंडों ने मचाई तबाही, छात्र-छात्राओं से लेकर टीचर-गार्ड तक घायल

एबीवीपी ने दिल्ली पुलिस से गुहार लगाई है कि उसके छात्रों को बचाया जाए। कई छात्राओं ने कुर्सी व टेबल के नीचे छिप कर ख़ुद को मास्क पहने गुंडों के आतंक से बचाया। जबकि वामपंथी छात्र संगठनों ने JNU में हुई हिंसा का आरोप एबीवीपी पर ही लगाया है।

मंदिर में तोड़फोड़, हिंदुओं के घरों को जलाया: मुस्लिमों की भीड़ का कहर, देखती रही पुलिस

यौन शोषण के आरोपित असदुल सलाम की मौत के बाद मजहबी भीड़ ने हिंदुओं के घरों और संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया। रेल पटरी को जाम कर दिया। बावजूद बंगाल पुलिस तमाशबीन बनी रही। वह हरकत में तब आई जब उत्पातियों ने बम फेंके और पुलिस भी उसके निशाने पर आ गई।

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