Monday, May 19, 2025
Homeराजनीति'UP में हिंसा के लिए वित्तीय मदद कर रही हैं प्रियंका गाँधी'

‘UP में हिंसा के लिए वित्तीय मदद कर रही हैं प्रियंका गाँधी’

"प्रदेश में पिछले तीन साल से शांति थी और मैं पूछना चाहता हूँ कि प्रियँका यहाँ दंगा क्यों कराना चाहती हैं? वह यह मध्य प्रदेश या राजस्थान में क्यों नहीं करतीं? वह हिंसा के लिए वित्तीय मदद कर रहीं और दूसरे राज्यों से दंगाइयों को ला रहीं है और शांति भंग करने के लिए उनसे पत्थरबाजी करवा रही हैं।"

सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ यूपी में दंगे भड़काने वाली भीड़ का कॉन्ग्रेस की राष्ट्रीय महिला सचिव प्रियंका गाँधी द्वारा लगातार बचाव किया जा रहा है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने उनपर बड़ा बयान दिया है।

दरअसल, ईकाई अध्यक्ष ने कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर प्रदेश में हिंसा फैलाने के लिए वित्तीय मदद करने का आरोप लगाया है। स्वतंत्र देव सिंह का कहना है कि प्रियंका गाँधी प्रदेश में हिंसा भड़काने के लिए दूसरे प्रदेशों के दंगाइयों को ला रही हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा नेता ने बरेली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अपना बयान दिया। उन्होंने कहा, “प्रदेश में पिछले तीन साल से शांति थी और मैं पूछना चाहता हूँ कि प्रियँका यहाँ दंगा क्यों कराना चाहती हैं? वह यह मध्य प्रदेश या राजस्थान में क्यों नहीं करतीं? वह हिंसा के लिए वित्तीय मदद कर रहीं और दूसरे राज्यों से दंगाइयों को ला रहीं है और शांति भंग करने के लिए उनसे पत्थरबाजी करवा रही हैं।”

स्वतंत्र देव सिंह ने इस दौरान नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक प्रताड़ित हो रहे थे, लेकिन ना ही नेहरू और न ही मनमोहन सिंह सरकार ने ये कानून लागू किया। पहली बार ऐसा हुआ जब राजनीतिक नेताओं ने ये बड़ा फैसला किया।”

उन्होंने कहा कि अब नागरिकता संशोधन कानून के जरिए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी, जिससे वह सम्मानजनक जीवन जी सकें। उन्हें पीएम आवास योजना के तहत घर और अन्य योजनाओं का लाभ मिल सके।

ईकाई अध्यक्ष ने सीएए का मतलब समझाते हुए विपक्ष के दावों को खारिज किया और जनता को कहा कि भारतीय मुस्लिम की नागरिकता छीनना नहीं है। उन्होंने आगे कहा, “यहाँ तक कि राम मनोहर लोहिया ने भी कहा था कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और उन्हें भारत की नागरिकता दी जानी चाहिए। लेकिन समाजवादी पार्टी को अपने संस्थापक के शब्द याद नहीं, क्योंकि उनके नेता सिर्फ पारिवार के लिए राजनीति करना चाहते हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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