कमलनाथ के रिश्तेदारों की खातिरदारी के लिए सीधा मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र आया था, ऐसा अधिकारियों ने दावा किया है। भतीजे के लिए उज्जैन यात्रा में सरकारी अधिकारी, पुलिस दल, एम्बुलेंस सहित कई ऐसी सरकारी सुविधाएँ दी गईं, जो किसी बड़े अधिकारी या कैबिनेट रैंक वाले को...
दावे के अनुसार ₹99 करोड़ से ज्यादा की मनी लॉन्ड्रिंग कमलनाथ के तत्कालीन आधिकारिक निवास 1, तुगलक रोड से हुई है। यह बंगला कमलनाथ को छिंदवाड़ा के सांसद के तौर पर मिला था।
अकेले दिग्विजय सिंह को ही ₹90 लाख मिले। जिन अन्य लोकसभा प्रत्याशियों को फंड मिलने का आरोप हैं, उनमें मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन, मंडला से कमल माडवी, शहडोल से प्रमिला सिंह, सिद्धि से अजय सिंह राहुल, भिंड से देवाशीष जरारिया, होशंगाबाद से शैलेंद्र सिंह दीवान, खजुराहो से कविता सिंह नटिराजा और दामोह से प्रताप सिंह लोधी शामिल हैं।
"मैं महाराज सिंधिया से बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही हूँ। गुना-शिवपुरी सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार की वजह ईवीएम में गड़बड़ी भी हो सकती है।" इमरती देवी के बाद कई अन्य नेताओं ने भी बग़ावती तेवर दिखाए।
कमलनाथ एक ऐसा नाम है, जिसने उत्तर प्रदेश में सिंधिया को भिजवाकर उनका क़द घटा दिया क्योंकि वहाँ कॉन्ग्रेस की बुरी हार तय थी। दिग्विजय को 'सबसे बड़ा नेता' और 'सबसे कठिन सीट' के ऐसे जाल में फँसाया, जिससे वह मध्य प्रदेश में एकछत्र राज कर सकें।
दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मसूद को आतंकवादी घोषित करने से क्या होगा? जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, मोदी जी के साथ दोस्ती निभा रहे हैं, तो उन्हें दाऊद इब्राहिम, मसूद अज़हर और हाफ़िज़ सईद को भी भारत को सौंप देना चाहिए।
मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कॉन्ग्रेसी नेताओं द्वारा जो यह प्रचार किया जा रहा है कि भाजपा भले ही जीत जाए, लेकिन बसपा-सपा गठबंधन को नहीं जीतना चाहिए, यह कॉन्ग्रेस पार्टी के जातिवादी, संकीर्ण व दोगले चरित्र को दर्शाता है।
जब कमलनाथ शिकारपुर में अपने परिवार सहित वोट देने पहुँचे तो अजीब घटना हुई। कमलनाथ के वहाँ पहुँचते ही बिजली कट गई। काफ़ी देर तक बिजली कटी रहने के कारण कमलनाथ को मोबाइल कैमरे की फ़्लैश लाइट में वोट देना पड़ा।
कुछ हफ्ते पहले ही आयकर विभाग ने हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट्स नामक कंपनी के खिलाफ छापेमारी कई शहरों में की थी। बताया जाता है कि ये कंपनी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भतीजे के नाम पर है।
MCU के 19 प्रोफेसरों व एक पूर्व कुलपति के ख़िलाफ़ आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से 4 दलित हैं और 1 अनुसूचित जाति के हैं। सभी प्रोफेसरों पर धोखाधड़ी एवं आपराधिक षड़यंत्र का आरोप दर्ज किया गया।