भाजपा के दफ्तर में दिखने वाले नेताओं में विधायक रामबाई, संजीव सिंह कुशवाह, सपा विधायक राजेश शुक्ला निर्दलीय विधायक विक्रम सिंह राणा और सुरेंद्र सिंह शेरा शामिल थे।
इस एक ट्वीट में इतना खोखलापन और इतनी धूर्तता है कि फिर से आदमी सोचने लगता है, क्या राहुल गाँधी ये लिख सकता है? सतही तौर पर यह ट्वीट तो एक चिंतित व्यक्ति का दिखता है, लेकिन ऐसा है नहीं.......
जो आंबेडकर, जगजीवन राम, सीताराम केसरी के साथ हुआ वही 2014 में नरेंद्र रावत के साथ हुआ था। अब फूल सिंह बरैया के साथ हुआ है। समय बदला पर कॉन्ग्रेस का दलितों के साथ व्यवहार नहीं।
दिवंगत अजय पंडिता की बेटी नियंता ने कहा है कि कॉन्ग्रेस को भारत के बेटे की हत्या पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उनके पिता की हत्या पर राजनीति करने की जरूरत नहीं है। उनका परिवार किसी से कुछ नहीं माँग रहा। उन्हें बस इंसाफ चाहिए।
रायबरेली से कॉन्ग्रेस विधायक अदिति सिंह ने पार्टी के सभी Whatsapp ग्रुपों को छोड़ दिया है। पिछले दिनों उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से पार्टी का नाम हटाया था।