गृहमंत्री अमित शाह ने घटना को गंभीरता से लेते हुए मामले पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात की है और कमिश्नर को कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। शाह ने ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार इस तरह की किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं करेगी।
गुलशन (बदला हुआ नाम) के नाम के इस अकाउंट को इसी साल जनवरी से एक्टिव किया गया है। इससे पहले साल 2019 में एक कवर फोटो अपलोड हुई थी। और साल 2018 के कोई भी पोस्ट विजिबल नहीं हैं। जिससे इस पूरी प्रोफाइल पर संदिग्धता बनी हुई हैं।
गुलशन की गिरफ्तारी के बाद उसके फेसबुक अकाउंट के सामने आने के बाद लिबरल मीडिया और लिबरल गिरोह ने सॉइल मीडिया पर गुलशन की गिरफ्तारी को हिन्दू आतंकवाद जैसे शब्दों से जोड़ना शुरू कर दिया था। इसके बाद गुलशन की फेसबुक ID के गायब हो जाने से यह सारा प्रकरण सन्देह में आ गया है।
कुछ लोग युवक द्वारा लगाए गए नारों से उसकी पहचान कर रहे हैं। उसे संघी आतंकी बता रहे हैं। तो कुछ का कहना है कि ये सब पहले से सुनियोजित था क्योंकि वीडियो में वहाँ पहले से सब कैमरे उसकी तरफ हैं। जैसे मालूम हो कि ये घटना होने वाली है
पुलिस का कहना है कि ये लोग हिंसा में प्रत्यक्ष रूप से शामिल थे और आम जनता से इनकी जानकारी साझा करने के लिए कहा है। पुलिस ने संभावित आरोपितों के बारे में किसी भी तरह की जानकारी के लिए इनाम भी रखा है।
जोया अख्तर के प्रोडक्शन हाउस टाइगर बेबी फिल्म के इंस्टाग्राम पर आयशा का एक पोस्टर अपलोड किया गया। इसमें उसे टायगरेस आयशा रेना (शेरनी आयशा रेना) बताया गया। इस पोस्टर के कैप्शन में आयशा को निर्भीक, दृढ़ निश्चयी, अजेय बताया गया।
"शरजील के ख़िलाफ़ असम और उत्तर प्रदेश की पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, वो निंदाजनक है। शरजील सिर्फ़ नागरिकता संशोधन कानून का मौख़िक आलोचक है और AMU में जो उसने असम के बारे में बयान दिया, उसे संघ के लोग और भाजपा प्रवक्ता गलत तरह से पेश कर रहे हैं।"
"पिछले 5 वर्षों में मुस्लिमों व ईसाईयों के मन में डर का भाव बढ़ता ही जा रहा है। तीन तलाक़ हटाना अच्छा हो या बुरा, मुस्लिमों को लगा कि इसके द्वारा उनके समाज में हस्तक्षेप किया जा रहा है। सीएए के विरोध में आज मुस्लिम 'वन्दे मातरम' गा रहे हैं।"
यह उस आज़ादी की माँग है। जिसकी एक झलक पिछले दिनों जामिया और जेएनयू में प्रदर्शनकारियों के हाथों में पकड़े पोस्टरों में दिखाई दी थी। इस आज़ादी की माँग को उन शिक्षकों ने दोहराया है, जिनके ऊपर विश्वविद्यालय के छात्रों को उज्ज्वल भविष्य की राह दिखाने की ज़िम्मेदारी है।