ऐसे में गोकुलपुरी के कुछ नवयुवक क्या करते? आप इस स्थिति में क्या करेंगे जब आप शत-प्रतिशत जानते हों कि यह भीड़ आपके घरवालों को पहली नजर में हाथ काट कर, पैर काट कर दिलबर नेगी की तरह आग में जलने को फेंक देगी?
"मैं अपने घर से ही पिस्टल लेकर आया था, पिस्टल सलमान को दे दिया उसने हेलमेट पहनी और हिंदुओं पर गोली चलाना शुरू कर दिया।" दिल्ली पुलिस ने द्वारा दायर की गई चार्जशीट में तीनों आरोपितों के फोन रिकॉर्ड का भी ज़िक्र किया गया है।
पुलिस के आरोप पत्रों और निष्पक्ष संस्थाओं की रिपोर्टों से यह समझ में आता है कि एक-एक घटना और हर किरदार पहले से तय था। डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा उनके लिए अवसर था। जब 'कुछ बड़ा' करके दुनिया का ध्यान अपनी तरफ़ खींचा जा सकता था।
नागरिकता कानून के नाम पर शुरू हुए दंगों ने दिल्ली को जलाया। और इसके पीछे ऐसे नाम थे, जिनके चलते हालात सुधर सकते थे लेकिन हालात सुधरना तो दूर इन लोगों की बातों के बाद स्थितियाँ और बदतर ही हुईं।
डॉक्टर अनवर, न्यू मुस्तफाबाद स्थित अल हिंद हॉस्पिटल का मालिक है। ये अस्पताल फारुकिया मस्जिद और उस मिठाई दुकान से 1km दूर है, जहाँ दिलबर नेगी काम करता था।