Friday, November 22, 2024

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पाकिस्तान

सोनू और कंगना का ‘सेकुलरों’ पर तंज: ‘विपक्ष वाले फ़र्ज़ी शोक न मनाएँ’, ‘उन्हें गधे पर बिठाकर थप्पड़ मारो’

फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा, “अब जो भी शांति और अहिंसा की बात करेगा उस पर कालिख पोत कर, गधे पर बैठा कर चौराहे पर खड़ा कर देना चाहिए ताकि जो भी आए थप्पड़ मार कर जाए।”

भीख का कटोरा लेकर घूमने वाले पाक के लिए सेना को समय, स्थान, योजना तय करने की पूरी छूटः मोदी

उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, "हर नुकसान का हिसाब पाकिस्तान को देना पड़ेगा, उसे इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी होगी।"

चीन ने दिखाया असली रंग, मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने से फिर किया इनकार

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को तो 1267 कमिटी के द्वारा ग़ैरक़ानूनी करार दिया जा चुका है, लेकिन उसका प्रमुख अज़हर अभी भी बेख़ौफ़ बाहर घूम रहा है।

2014 में मसूद अज़हर की वापसी और आतंक की स्क्रिप्ट का पुनर्लेखन

आतंकियों को पाकिस्तानी सत्ता के संरक्षण का जीता-जागता उदाहरण। 5 साल पीछे। मसूद अज़हर की वो रैली जहाँ से पठानकोट और पुलवामा हमले की पटकथा का लिखा जाना शुरू हो गया था।

उरी से पुलवामा तक… संसद से पठानकोट तक… सब का ज़िम्मेदार सिर्फ़ पाकिस्तान

लगातार धर्म की आड़ में आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान को अच्छे से यह बात मालूम है कि जो आतंक का बीज़ वो अपनी धरती पर लगाता है, उसकी जड़ें भी बनेंगी और वो फैलेंगी भी।

नाम टाइम्स ऑफ ‘इंडिया’ लेकिन काम ‘पाकिस्तान’ वाला; लानत है!

भारत में रह कर पाकिस्तान की भाषा बोलने वालों को यह बताने का समय आ गया है कि आप ऐसी घटिया हरक़त कर के देश की जनता को और उस जनता की मदद से चला रहे अपने व्यापार को ग्रांटेड नहीं ले सकते। अब समय आ गया है।

सिद्धू ने किया पाकिस्तान का बचाव, कहा: ‘आतंक का देश नहीं होता’

सिद्धू ने कहा की वो इसकी कड़ी निंदा करते हैं लेकिन आतंकवाद का कोई देश या धर्म नहीं होता। सिद्धू का पाकिस्तान प्रेम अक्सर सामने आता रहता है। सिद्धू पाकिस्तान के जनरल बाजवा से गले भी मिल चुके हैं।

BSF ने पंजाब में सतलुज से की पाकिस्तानी नाव बरामद, तलाशी अभियान जारी

बसंत पंचमी की सुबह बीएसएफ बटालियन 136 के जवान बीओपी मोहम्मदीवाला के करीब फेंसिंग के साथ-साथ गश्त कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें सतलुज नदी में पड़ी लकड़ी की एक पुरानी पाक नाव मिली।

पाक अधिकृत कश्मीर में माँ सरस्वती का निवास, भारत की धरोहर है यह शारदा पीठ

कश्मीर के रहने वाले डॉ अयाज़ रसूल नाज़की 2007 में शारदा पीठ गए थे। डॉ नाज़की की माँ के पूर्वज हिन्दू थे इसलिए वे अपनी जड़ों को खोजने शारदा पीठ गए थे। गत 60 वर्षों में वे पहले और अंतिम भारतीय कश्मीरी थे जो शारदा पीठ गए थे।

पाकिस्तान का अमानवीय चेहरा: लाखों गदहों की बलि चढ़ा कर भरेगा ख़जाना

Ejiao नामक दवा बनाने के लिए गदहों को धैरती पर सुला कर उनके सिर पर हथौड़ों से ज़ोर-ज़ोर से प्रहार किया जाता है, जिससे कि वो एक धीमी और दर्दनाक मौत मरते हैं।

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