एक तरफ तो कोर्ट में वो अपनी ग़लती के लिए हाथ जोड़कर माफ़ी माँगने का स्वांग रचते दिखते हैं, तो दूसरे ही पल कोर्ट से बाहर आते ही फिर से अपना वही हमलावर रुख़ अख़्तियार करते हैं। अपने माफ़ीनामे के बाद भी आदतन पीएम मोदी को आड़े हाथों लेना उनकी कुंठित मानसिकता और हताशा को दर्शाता है।
कॉन्ग्रेस आईटी-सेल के सदस्य गौरव पांधी ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के कुछ हिस्सों के साथ एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो को संपादित कर लूप के ज़रिए एक 'अपमानजनक' शब्द को बार-बार सुनाया गया। इस वीडियो पर यूजर्स ने...
कॉन्ग्रेस और मोदी-विरोधी दल अपने ग़ुस्से पर क़ाबू पाने में पूरी तरह से असफल होते जा रहे हैं। ऐसे में उन्हें ख़ुद ही नहीं मालूम होता कि वो कब क्या कह दें।
मतदाताओं को प्रभावित करने वाले तर्क को वे बेईमानी करार देते हुए कहते हैं कि यदि ऐसा होता तो फिर वोटर्स तो विज्ञापनों, राजनीतिक विचारों और संपादकीय आदि से भी प्रभावित हो सकते हैं।
प्रीतिश नंदी ने राज ठाकरे की प्रशंसा करते हुए वीडियो को यह कहते हुए संदर्भित किया कि कोई तो है, जो यह जानता है कि कैसे भक्तों को उसी की भाषा में सूद सहित वापस दिया जाए। मतलब नेता राज ठाकरे के साथ कोई पंगा नहीं ले सकता। हद तो यह कि ऐसे लोग खुद को बड़े पत्रकार मानते हैं।
मोदी के समर्थन में नारे सुनकर कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता भड़क उठे और उन्होंने बदले में जोर-जोर से 'चौकीदार चोर है' के नारे लगाने शुरू कर दिए। साथ ही उस युवक के साथ मारपीट भी की जो मोदी-मोदी का नारा लगा रहा था।
सुप्रीम कोर्ट में मीनाक्षी लेखी का प्रतिनिधित्व पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने किया। आगामी सोमवार को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की बेंच इस पर सुनवाई करेगी।
संभल के एसडीएम दीपेंद्र यादव ने इस मामले को गंभीर बताया। साथ ही बर्क के बयान वाली वीडियो का भी परीक्षण हुआ। प्रमाणिकता की पुष्टि होने के बाद उन्हें नोटिस जारी किया गया
देश के प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ बिगड़े बोल में एक नाम कॉन्ग्रेसी नेता अल्पेश ठाकोर का भी शामिल है। पीएम मोदी के गोरे रंग पर तंज कसते हुए अल्पेश ने कहा था कि वो 80,000 रुपए का मशरूम खाते हैं, जिससे वो काले से गोरे हो गए हैं।
अपने विरोधी सुरों में वो कभी बीजेपी को बैलेट पेपर पर जवाब देने की धमकी दे डालती हैं तो कभी न्यूज़ चैनल द्वारा उनकी धरने देने वाली कवरेज़ पर मीडिया संस्थान को (रिपब्लिक टीवी) नोटिस थमा देती हैं। बड़ी ही 'विलक्षण' और फ़र्ज़ी प्रतिभा की धनी हैं ममता दीदी!