Monday, November 25, 2024

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महात्मा गाँधी

जलियाँवाला बाग नरसंहार: रवींद्रनाथ टैगोर करना चाहते थे विरोध सभा, क्यों नहीं मिला महात्मा गाँधी और कॉन्ग्रेस का साथ?

जलियाँवाला नरसंहार के बाद जनरल डायर की ब्रिटिश पार्लियामेंट भी तारीफ कर रही थी और मोतीलाल नेहरू भी अग्रेजों की शान में कसीदे पढ़ रहे थे।

कनाडा में फिर तोड़ी गई महात्मा गाँधी की मूर्ति: 5 दिन के अंदर दूसरी घटना, भारत ने विरोध जताया

कनाडा में 5 दिन के भीतर दूसरी बार महात्मा गाँधी की मूर्ति तोड़ी गई है। इससे पहले विष्णु मंदिर के बाहर लगाई मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया गया था।

महात्मा गाँधी, कॉन्ग्रेस, हिंदू राष्ट्र और मुस्लिम लीग: पाकिस्तान में दी जा रही इतिहास की गलत तालीम, पढ़ाता है भारत विरोधी पाठ

पाकिस्तान में कक्षा 8वीं के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है कि कॉन्ग्रेस पार्टी का गठन भारत को हिंदू राष्ट्र के लिए हुआ था और गाँधी हिंदू नेता थे।

‘जीवित नाथूराम गोडसे ही नहीं, उसकी लाश और राख तक से डर गई थी नेहरू सरकार’: पुस्तक लॉन्च में प्रखर श्रीवास्तव का खुलासा, ‘हे...

प्रखर श्रीवास्तव ने बताया कि न सिर्फ जीते-जी नाथूराम गोडसे से तत्कालीन कॉन्ग्रेस सरकार डरी हुई थी, बल्कि उसकी लाश और राख से भी वो डर गई थी।

‘मुझे और मेरे परिवार को खतरा, मिले अतिरिक्त सुरक्षा’: ‘गाँधी गोडसे – एक युद्ध’ के निर्देशक राजकुमार संतोषी, प्रेस कॉन्फ्रेंस में घुस गाँधी समर्थकों...

'गाँधी गोडसे - एक युद्ध' के निर्देशक राजकुमार संतोषी ने अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराने की माँग करते हुए कहा है कि आरोपितों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

जेल में बंद नाथूराम गोडसे को धर्मांतरित कर ईसाई बनाने का हुआ था प्रयास, नेहरू को पता था निर्दोष हैं सावरकर: दस्तावेजों से खुलासा

मोहनदास ने एक दस्तावेज शेयर करते हुए कहा कि महात्मा गाँधी की हत्या में जेल में बंद नाथूराम गोडसे को ईसाई में धर्मांतरण की कोशिश हुई थी।

अंग्रेजों के ‘वफादार नौकर’ थे महात्मा गाँधी, खुद लिखा है… राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेसियों को पढ़ना चाहिए, फिर सावरकर पर बोलें

राहुल गाँधी ने एक चिट्ठी दिखाते हुए दावा किया कि सावरकर ने अंग्रेजों को पत्र लिखकर उनका नौकर बनने की बात कही थी।

कहीं दुःखी न हो जाएँ लॉर्ड माउंटबेटन, इसीलिए नेहरू ने नहीं उतारा था अंग्रेजों का झंडा: गाँधी ने ‘अशोक चक्र’ को सलामी देने से...

देश की आजादी के बाद 'यूनियन जैक' को नेहरू उतारना नहीं चाहते थे। गाँधी का मानना था कि देश के झंडे में यूनियन जैक भी होना चाहिए, माउंटबेटन के दुःखी होने के कारण नहीं उतारा अंग्रेजों का झंडा।

18 सालों में 1 रुपए के नोट से ₹500 तक पहुँच गए गाँधी, जानें उससे पहले रहती थी किसकी तस्वीर: लक्ष्मी-गणेश पर चर्चा के...

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बैंक नोट पर लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर छापने की बात कहकर एक नई बहस छेड़ दी है।

क्वीन एलिजाबेथ की शादी में आड़बंद (लंगोट) पर ‘जय हिंद’ लिख कर दिया था मोहनदास करमचंद गाँधी ने… वो भी खुद से बुन कर?

क्वीन एलिजाबेथ की शादी में महात्मा गाँधी का दिया हुआ रुमाल दरअसल लंगोट समझा गया था। असभ्य और अश्लील माना गया था।

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