Wednesday, April 24, 2024
7 कुल लेख

Brijesh Dwivedi

Brijesh Dwivedi is a senior journalist, poet and writer. Presently he is a member of Indian Film Censor Board. He has worked in high positions in many media institutions of the country. In which the head is - News18 india (Senior Producer), National Voice (Deputy News Editor), Haryana News (Output Editor) A2Z News (Programming Head). Brijesh Dwivedi has participated in many many Kavi Sammelan.

2 शब्द की जगह 3 शब्द लिखवाया सरदार पटेल ने… वो कदम, जिसके कारण अनुच्छेद 370 हटाया जा सका

मई 1949 में पंडित नेहरू जम्मू कश्मीर चले गए और शेख अब्दुल्ला के साथ कई सारे समझौते किए। इसकी भनक तक सरदार पटेल को नहीं लगी।

PM नेहरू का सारा समय और ध्यान मुसलमानों के संरक्षण के लिए समर्पित: कॉन्ग्रेस है SC/ST विरोधी, भीमराव आंबेडकर ने बता दिया था भाषण...

हिंदू कोड बिल के साथ नेहरू सरकार का बर्ताव - वो एक चीज जिसने डॉ. भीमराव आंबेडकर को इस्तीफे के लिए बाध्य किया था।

जलियाँवाला बाग नरसंहार: रवींद्रनाथ टैगोर करना चाहते थे विरोध सभा, क्यों नहीं मिला महात्मा गाँधी और कॉन्ग्रेस का साथ?

जलियाँवाला नरसंहार के बाद जनरल डायर की ब्रिटिश पार्लियामेंट भी तारीफ कर रही थी और मोतीलाल नेहरू भी अग्रेजों की शान में कसीदे पढ़ रहे थे।

12 जुलाई का वो पन्ना जिसे नेहरू के ‘टाइपिस्ट इतिहासकारों’ ने छिपाया: जब मूसलाधार बारिश के बीच RSS के संस्थापक सरसंघचालक हेडगेवार का स्वागत...

भारत के स्वाधीनता आंदोलनों को लेकर अनेक अध्याय एवं ऐतिहासिक तिथियाँ हैं। ऐसी ही एक तिथि है 12 जुलाई 1922।

संस्कृत वाली मुहरें, जाति/परिवारवाद खत्म… किसानों के लिए सब्सिडी: छत्रपति शिवाजी महाराज की शासन प्रणाली आज भी प्रासंगिक

भारत एक सनातन देश, यह हिंदुस्थान, यहाँ पर अपना राज होना चाहिए… अपने धर्म का विकास होना चाहिए... शिवाजी महाराज का जीवनसंघर्ष था यह सोच।

‘कब्ज़ा कर के बनाई गई मस्जिद को गिरा दो’: मंदिरों को ध्वस्त कर बनाए गए मस्जिदों पर बोले थे गाँधी – मुस्लिम खुद सौंप...

गाँधी जी ने लिखा था, "अगर ‘अ’ (हिन्दू) का कब्जा अपनी जमीन पर है और कोई शख्स उसपर कोई इमारत बनाता है, चाहे वह मस्जिद ही हो, तो ‘अ’ को यह अख्तियार है कि वह उसे गिरा दे।

भगत सिंह की डायरी में 6 बार वीर सावरकर की ‘हिंदुपदपादशाही’ से उद्धरण, डॉ आंबेडकर ने की थी प्रशंसा: दलितों के लिए किया काम

भगत सिंह ने वीर सावरकर की पुस्तक ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ का अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशित किया था और क्रांतिकारियों में इसका प्रचार किया था।

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