शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे और शायद पवार के भाई के पोते रोहित पवार के साथ फोटो डाल कर दिखाया कि दोनों दलों के पास अगली लाइन की लीडरशिप तैयार है। रोहित और आदित्य पहले से ही दोस्त हैं। रोहित हाल ही में विधायक बने हैं।
उद्धव ठाकरे को न सिर्फ़ अपनी पार्टी बल्कि कॉन्ग्रेस और एनसीपी की भी चिंता सता रही है। वह मातोश्री से निकल कर ललित होटल में रुके शिवसेना विधायकों से मिलने पहुँचे। उससे पहले वो पोवई में स्थित आरएमसी सेंटर पहुँचे, जहाँ एनसीपी के विधायकों को ठहराया गया है।
सुनवाई के दौरान कॉन्ग्रेस नेता सिंघवी ने पूछा कि मात्र 42-43 विधायकों के समर्थन से अजित पवार उप-मुख्यमंत्री कैसे बन सकते हैं? जबकि एनसीपी दावा कर रही है कि उसके 54 में से 49 विधायक वापस लौट आए हैं।
“सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग और पुलिस भाजपा के चार मुख्य पार्टी कार्यकर्ता हैं। वर्तमान गवर्नर भी उनके कार्यकर्ता हैं, लेकिन भाजपा अब अपने ही खेल में फँस गई है। यह उनके अंत की शुरुआत है।”
"मैं सुरक्षित हूँ। मैं एनसीपी के निशान पर चुनाव जीतकर आया हूँ, इसलिए पार्टी बदलने का कोई सवाल ही नहीं है। शरद पवार और अजित पवार जो भी फ़ैसला लेंगे मैं उसके साथ हूँ। किसी भी अफ़वाह पर विश्वास न करें।”
कॉन्ग्रेस नेता ने महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर ताबड़तोड़ ट्वीट किए। मौजूदा हालात को ठाकरे परिवार के प्रतिष्ठा का सवाल बताते हुए उन्हें सड़क पर उतरने की नसीहत दी।
कॉन्ग्रेस-शिवसेना-एनसीपी की तरफ से कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें पेश की। सिब्बल ने कोर्ट से कर्नाटक की तर्ज पर 24 घंटे के भीतर बहुमत परीक्षण कराने का आदेश देने की माँग की।
“सुप्रीम कोर्ट जो भी निर्देश देगा, हम उसका पालन करेंगे। राज्यपाल ने हमें 30 नवंबर तक का समय दिया है, हम 170 विधायकों या उससे अधिक के साथ बहुमत साबित करेंगे।”
छोटे दलों और निर्दलीयों को लेकर कोई भी दल पूरी तरह आश्वस्त नहीं है। मसलन, भारतीय शेतकारी कामगार पार्टी ने चुनाव कॉन्ग्रेस-एनसीपी गठबंधन के साथ लड़ा था। लेकिन, उसके इकलौते विधायक श्यामसुंदर शिंदे बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर चुके हैं।