इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों पर कार्रवाई करने के बावजूद अभी 100 से भी अधिक ऐसे अधिकारी हैं, जिन पर सरकार की नज़र है। इन सुस्त अधिकारियों को सरकार ने अभी अपने रडार पर रखा है और इन पर कार्रवाई की गाज कभी भी गिर सकती है।
NaMo ऐप पर एक भाजपा नेता द्वारा हाल ही में दावा किया गया था कि मेरठ के प्रहलाद नगर से कम से कम 125 हिन्दू परिवारों ने इलाक़े में मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिन्दू महिलाओं के उत्पीड़न के कारण पलायन किया है।
शारीरिक रूप से स्वस्थ भिखारियों के पुनर्वास के लिए शहर के 5.8 लाख घरों से कचरा इकट्ठा करने और इसके बदले उपयोगकर्ता शुल्क वसूलने का काम सौंपा जाएगा। इनमें से कुछ को दैनिक स्वच्छता कार्यों में प्रतिनियुक्त किया जाएगा, जैसे कि कचरा इकठ्ठा करना, नालियों की सफाई और सड़कों की सफाई आदि।
यूपी में अनुसूचित जातियों के लिए 17 लोकसभा और 403 विधानसभाओं में से 86 सीटें रिजर्व हैं। इनमें इन जातियों को चुनाव लड़ने का अवसर मिलेगा। जबकि, ओबीसी के लिए सीटें रिजर्व नहीं हैं। इसका दुष्परिणाम जातिगत राजनीति करने वाली सपा-बसपा जैसी पार्टियों को भुगतना पड़ेगा।
पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाईयों के संदर्भ में अपने अन्य ट्वीट में यूपी पुलिस ने लिखा कि प्रभावी कार्रवाई करने के फलस्वरूप अपराधों में 20-35% की कमी आई है। सभी सनसनीखेज अपराधों का यथासम्भव 48 घंटे में ख़ुलासा हुआ है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरिद्वार प्रवास के दौरान अलकनंदा घाट के किनारे यूपी पर्यटन निगम द्वारा निर्माणाधीन पर्यटक गृह भागीरथी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से इसके डिज़ाइन को लेकर जानकारी प्राप्त की।
हाल ही में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार और बेईमान अफ़सरों के ख़िलाफ़ कड़ा रुख़ अपनाते हुए फ़रमान जारी किया था कि ऐसे अधिकारियों के लिए सरकार में कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा था कि ऐसे अधिकारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लें अन्यथा उन्हें सेवानिवृत्ति के लिए बाध्य कर दिया जाएगा।
सीएम के सख्त रवैये के बाद सचिवालय प्रशासन द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के लिए 30 भ्रष्ट अधिकारियों के नाम छांट लिए गए हैं। इन 30 अधिकारियों में 17 समीक्षा अधिकारी, 8 अनुभाग अधिकारी, 3 अनुसचिव और 2 उप सचिव शामिल हैं।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने महान हस्तियों के नाम पर सभी सभागारों का नाम बदलने का भी निर्देश दिया। उन्होंने सचिवालय के अधिकारियों से कहा कि वे नगर निगम के साथ सहयोग करें और उन होर्डिंग्स को हटा दें जो विधान भवन और लोक भवन के सामने हैं।
"भारत में हुए सारे आतंकी हमलों के लिए मोहन भागवत ही ज़िम्मेदार हैं, चाहे वो 26/11 का मुंबई हमला हो या फिर पुलवामा हमला। इतिहास में महात्मा बुद्ध और महावीर ने ब्राह्मणवादी जातिवाद के ख़िलाफ़ लड़ाइयाँ लड़ी थीं। तुम एक राष्ट्रवादी नहीं हो, एक रेसिस्ट और हत्यारे हो।"